लखनऊः इफको के राज्य विपणन प्रबन्धक श्री अभिमन्यु राय ने बताया गया कि ये शीघ्र ही किसानों को सहकारी समितियों, इफको के अन्य अधिकृत केन्द्रों द्वारा सुलभ हो जायेगी। जैसा कि ज्ञात है कि विश्व में प्रथम बार नैनो टेक्नोलोजी के माध्यम से इफको द्वारा नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को तैयार की गई है। नैनो यूरिया का किसान व्यापक स्तर पर प्रयोग कर रहें हैं और अब तक प्रदेश में 96 लाख बोतल की बिक्री की जा चुकी है। इसकी एक बोतल एक बोरी दानेदार यूरिया/डीएपी के बराबर काम करती है जबकि लागत कम और उपयोग दक्षता अधिक है।
श्री राय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने तरल डीएपी (डाई अमोनिया फास्फेट) को उर्वरक बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है, इससे किसानों को फायदा होगा। सरकार द्वारा यह भी बताया गया है कि नैनो तरल डीएपी को वर्ष 2021 में पहली बार नैनो यूरिया लाने वाले उर्वरक सहकारी संघ ’इफको’ ने आविष्कार किया है। इफको के प्रबंध निदेशक डा0 यू एस अवस्थी ने बताया है कि इफको नैनो डीएपी को कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफ सी ओ) में अधिसूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि इफको नैनो डीएपी का वितरण एवं बिक्री करेगी जो भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाला होगा और किसानों की आमदनी बढ़ाने का बड़ा सशक्त माध्यम होगा क्योंकि परंपरागत डीएपी और यूरिया से यह दोनों उत्पाद सस्ते हैं और भूमि, वायु, जल तथा पर्यावरण के प्रदूषण बचाने के साथ-साथ कृषि उत्पादन को बढ़ाते हैं जिसकी पुष्टि विगत तीन वर्षों से हो रहे अनुसंधानो, कृषि विद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा किसानों के खेतों पर हुये ट्रायल से पुष्टि हो चुकी है।