देहरादून: बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नारी निकेतन के संबंध में समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नारी निकेतनों की पूर्ण समीक्षा किये जाने की आवश्यकता है। इनमें व्याप्त कमियों को पहचान कर आवश्यक सुधार किये जाएं। इस हेतु एक संयुक्त कमेटी गठित कर भ्रमण करवाया जाए। कमेटी में मीडिया, राजनीतिक दल एवं बाहरी क्षेत्र से भी एक प्रतिनिधि रखा जाए। उक्त कदम गणतन्त्र दिवस के बाद शीघ्र ही अमल में लाया जाय। नारी निकेतन में रह रही संवासिनियों हेतु राज्य सरकार ने व्यापत कदम उठाये है, परन्तु अभी भी काफी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सचिव डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख को निर्देश दिये कि हल्द्वानी एवं अल्मोड़ा में नारी निकेतन एवं बाल गृह में भी निरीक्षण करें तथा वहां की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाये जाये। वहीं भवाली में स्थित सरकारी चिकित्सालय के अन्तर्गत खाली पड़े भवन का भी निरीक्षण कर देखा जाए कि उक्त भवन का प्रयोग किस प्रकार हो सकता है।
बैठक में सचिव डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख ने बताया कि नारी निकेतनों/शरणालय के संचालन हेतु 49 पद अस्थायी रूप से स्वीकृत किये जा चुके है जिसे आउटसोर्स के माध्यम से भरे जा रहे है। उन्होने बताया कि 117 संवासिनियों की रक्त जांच की जा चुकी है। संवासिनियों में हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाने हेतु आयरन एवं अन्य पोषक तत्व दिये जा रहे है। उन्होने बताया कि नारी निकेतनों में सम्पूर्ण सफाई हेतु व्यवस्था की जा रही है। नारी निकेतन हेतु बिजली, पानी, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा आदि बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिक स्तर पर पूर्ण किया जा रहा है। मूक बधिर संवासिनियों हेतु विशेषज्ञ नियुक्त किया गया है।