देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर के सेब उत्पादकों को मिलकर एक समन्वित नीति बनानी चाहिए। हॉर्टी-टूरिज्म के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाएं हैं। शनिवार को किसान भवन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राष्ट्रीय सेब महोत्सव व संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग लगभग 25 योजनाओं में काश्तकारों को सहायता कर रहा है। जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक कुप्रभाव उद्यानिकी पर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश ने बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी पॉलिसी बनाई जिसका उसे लाभ हो रहा है। हमें इस तरह का मेकेनिज्म बनाना होगा जिससे हम उद्यानपतियों को मौसम व अन्य स्थितियों के बारे में एडवांस में ही बता सकें। अगले 10 वर्षों की योजना बनाकर विश्व बैंक के साथ इसपर विस्तार से विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अधिक से अधिक उत्पादकों को प्रोफेशनल रवैया अपनाना होगा। हमें कामर्शियल हॉर्टीकल्चर को बढ़ावा देना होगा। छोटे-छोटे सामूहिक क्लस्टर विकसित करने होंगे। बेहतर गुणवत्त की पौध के लिए हमें नर्सरी पर भी ध्यान देना होगा। किसानों को सब्सिडाईज्ड दरों पर नई तकनीक उपलब्ध करवानी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि फलोत्पादन में कुछ सुधार हुआ है। उत्तराखण्ड के सेब ने पहचान बनानी शुरू की है। उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर के सेब उत्पादकों को मिलकर एक समन्वित नीति बनानी चाहिए ताकि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका लाभ उठाया जा सके। प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी ध्यान देना होगा। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन परिषद को निगम में परिवर्तीत करने के लिए केबिनेट में प्रस्ताव लाने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हॉर्टी-टूरिज्म की राज्य में पर्याप्त सम्भावनाएं हैं। इसमें सरकार फेसिलिटिटेर की भूमिका निभाएगी। यदि योजनागत तरीके से चला जाए तो हॉर्टीकलचर सबसे अधिक रोजगार प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील सेब उत्पादकों को सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि दूसरे भी उनसे प्रेरित हों। हमारी नीतियां उत्पादकों द्वारा संचालित होनी चाहिए।
केबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने में हॉर्टीकल्चर महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न नई चुनौतियों को देखते हुए नई प्रजातियां विकसित की जा रही हैं। हमें क्लस्टर एप्रोच को अपनाना होगा। मार्केटिंग के सुधार पर भी ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर सेब महोत्सव की स्मारिका का विमोचन किया और महोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर भारतीय सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष डा.रवींदर सिंह चौहान, संघ के सचिव कुंदन सिंह पंवार, अपर सचिव टीकम सिंह पंवार व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।