देहरादून: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय किशोर कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल की अध्यक्षता में एक स्थानीय होटल में सम्बन्धित रेखीय विभागों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला को आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों एवं अर्द्धसरकारी स्कूलों में नवजात शिशुओं से लेकर 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण के सम्बन्ध में परिचर्चा की गयी। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रखना है तथा समय-2 पर इसमें तैनात किये गये टीमों द्वारा इसका परीक्षण किया जाना है, जिससे युवा वर्गो में नशामुक्त कराने के सम्बन्ध में जानकारी दी जानी है, जिसके लिए सभी रेखीय विभागों की सहभागिता जरूरी है जिसके माध्यम से यह कार्यक्रम सफल हो सकता है। उन्होने कहा कि प्रत्येक ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है जो समय-2 पर स्कूलों में जाकर अध्ययनरत् बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षरण कराते है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग का अहम भूमिका है जो अपनी रिपोर्टिंग ठीक प्रकार से करते हुए सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें ताकि बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके।
इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय बाल विकास स्वास्थ्य कार्यक्रम की समन्वयक अर्चना उनियाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जनपद के सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त तथा आगंनबाडी़ केन्द्रों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए टीमों का गठन किया गया है तथा यह कार्यक्रम जनपद में वर्ष 2013-14 से शुरू किया गया, जिसमें नवजात से 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। उन्होने कहा कि जनपद में कुल 13 टीम गठित है जिनमें प्रत्येक विकासखण्ड में 2 टीमें तथा विकासखण्ड रायपुर में 3 टीमें गठन है जो 6 सप्ताह में एक बार तथा वर्ष में 2 बार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हैं।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यक्रम प्रबन्धक/मास्टर टेªनर लक्ष्मण सिंह रावत ने कार्यशाला में अवगत कराया कि यह कार्यक्रम वर्ष 2008 से उड़ान कार्यक्रम के नाम से चलाया जा रहा था जो वर्ष 2015-16 किशोर कार्यक्रम के नाम से संचालित हो रहा है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम में 6 जनपदों का चयन किया गया है, जिसमें देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी गढवाल, नैनीताल, उधमसिंह नगर जनपद शामिल हैं, इस कार्यक्रम के तहत यौन प्रजनन, मानसिक स्वास्थ्य लिंग आधार, माधक पदार्थों का दुरूपयोग आदि पर बच्चों को जागरूक किया जाता है, जिसमें साथ ही शिक्षण की चयन प्रक्रिया के तहत त्रैमासिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है, जिसमें प्रत्येक विकासखण्ड में चकराता, कालसी, रायपुर के लिए 100 पुरूष एवं 100 महिलाओं को गु्रप तैयार किया गया है, जिसमें चकराता में 150, कालसी में 165, तथा रायपुर में 135 का गु्रप बनाया जा चुका है। उन्होन काह कि किशोर हैल्प लाईन भी तैयार की गयी है जिसका न0 18001801200 पर कोई भी शिकायत/समस्या से अवगत करा सकते है।
इस अवसर पर प्रबन्धक आर.बी.एस.के गीता शर्मा, कार्यक्रम से जुड़े रेखीय विभागों के अधिकारियों सहित कार्यक्रम से जुड़े सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।