नई दिल्लीः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आज बाल यौन उत्पीड़न रोकने के लिए निवारण कार्य नीति के विकास पर परामर्श बैठक आयोजित की। इसकी अध्यक्षता एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्रीमती स्तुति काकेर ने किया। उन्होंने देश में नन्हें बच्चों के यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर की। इस परामर्श बैठक में एनसीपीसीआर के सदस्य श्री यशवंत जैन और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ. राजेश सागर भी मौजूद थे।
इस परामर्श बैठक में यह सिफारिश की गई कि बाल यौन उत्पीड़न और इसकी वजह से बाल अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में एक समग्र और सर्वांगीण अभियान चलाया जाना चाहिए।
एनसीपीसीआर ने बाल यौन उत्पीड़न के खिलाफ निवारण उपायों के लिए बड़े स्तर पर सुझाव मंगाए थे। इसमें 153 सुझाव मिले जिनमें से 70 सुझाव में जागरूकता फैलाने की बात कही गई। इस बैठक में मुम्बई, दिल्ली, बैंगलुरू और चेन्नई में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
बाल यौन उत्पीड़न कानूनी, सामाजिक, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक प्रभाव वाला एक बहु-आयामी समस्या है। इससे बचने के उपायों में बच्चों एवं आम लोगों में जागरूकता फैलाना और माता-पिता को अपने बच्चों के साथ सतर्क, उत्तरदायी, दोस्ताना और अभिव्यक्तिशील होना और इन मुद्दों को लेकर बच्चों को शिक्षित करना शामिल हैं। इसके साथ ही इस तरह के अपराधों के प्रति हमें कानून के कठोरता से क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।