नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू पुसापति ने कहा है कि सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए पर्यटन को किफायती एवं सुगम्य बनाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। श्री पुसापति पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ एवं भारतीय पर्यटन वित्त निगम के सहयोग से आयोजित अतुल्य भारत टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट में ‘पर्यटन के लिए प्रमुख बुनियादी ढांचे’ पर आयोजित पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री महोदय ने कहा कि नागरिक विमानन नीति के तहत समस्त क्षेत्रों एवं राज्यों में हवाई संपर्क कायम करने की समस्या सुलझाने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जाता है। सरकार ने हवाई अड्डों में ग्रीनफील्ड एवं ब्राउनफील्ड निवेश को आकर्षित करने और एयरलाइंस में अपेक्षाकृत ज्यादा एफडीआई के लिए 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि 5:20 नियम को समाप्त कर दिया गया है और एक घंटे की अवधि वाली उड़ानों के लिए मूल किरायों की सीमा तय कर दी गई है। इसके अलावा, सरकार सार्क के साथ मिलकर खुले आकाश की नीति की दिशा में काम कर रही है, कौशल विकास बढ़ाने से संबंधित मुद्दों को सुलझा रही है और घरेलू एमआरओ में वृद्धि कर रही है।
पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप सरकार पर्यटन में भारत के हिस्से को वर्ष 2025 तक बढ़ाकर कम-से-कम 2 फीसदी के स्तर पर पहुंचाने का सपना साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो वर्तमान में 1 फीसदी से कम है। देश की अंतर्निहित पर्यटन संभावनाओं का दोहन करने के लिए बुनियादी ढांचे एवं कनेक्टिविटी पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि सड़कों, रेल, जलमार्गों एवं नागर विमानन में पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सरकार ने नीतिगत माहौल को उदार बना दिया है, जिसके तहत होटलों, रेलवे इत्यादि में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई है। उन्होंने इस क्षेत्र की कमियों को दूर करने के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव श्री संजय मित्रा ने तरह-तरह के पर्यटन सर्किटों के लिए सड़कों एवं बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर अपने विचार पेश किये और पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे में व्यापक निवेश के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया।
रेल बोर्ड के सदस्य (यातायात) श्री मोहम्मद जमशेद ने विभिन्न श्रेणियों के पर्यटकों, चार्टर्ड रेलगाडि़यों के लिए रेलवे द्वारा विकसित किये गये उत्पादों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न हितकारी समूहों के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने, स्टेशन के पुनर्विकास, सुरक्षा लाउंज और रेल बजट होटलों के लिए रेलवे द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों पर भी रोशनी डाली।
पर्यटन मंत्रालय में अपर सचिव श्री यू. पी. सिंह ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि घरेलू पर्यटकों की दिशा में और ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है क्योंकि इनकी संख्या तेज गति से बढ़ रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि विदेशी पर्यटकों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पर्यटक रेलगाडि़यों का उपयोग सुस्ती वाले सीजन के दौरान घरेलू यात्रियों के लिए किया जा सकता है।
जीएफसीएल, लंदन के संस्थापक एवं प्रिंसिपल श्री अरुण पंचारिया ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चार प्रमुख नीतिगत मुद्दों की अहमियत को रेखांकित किया जिनमें नीतियों का त्वरित क्रियान्वयन, अंतर-मंत्रालय समन्वय, दक्ष सेवा और करेंसी फारवर्ड से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
मैरिएट इंटरनेशनल के सीओओ श्री राजीव मेनन ने उन पांच खास बातों का उल्लेख किया जो किसी खास गंतव्य की ओर जाने के लिए पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें अनूठे स्थल, ढांचागत सुविधाएं, कारोबार में सुगमता, कुशल श्रम शक्ति और बचाव एवं सुरक्षा शामिल हैं। उन्होंने लंबी अवधि वाले कर्जों के लिए होटल उद्योग को ढांचागत दर्जा देने की पुरजोर वकालत की।
आखिर में, विश्व बैंक के निजी क्षेत्र विशेषज्ञ श्री अल्बर्ट सोल ने पर्यटन के लिए बाजार आधारित एवं समग्र दृष्टिकोण के साथ-साथ मांग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सुविधाओं को विकसित किये जाने के बारे में अपने विचार पेश किये।
सीआईआई के महानिदेशक श्री चन्द्रजीत बनर्जी ने पर्यटन क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे से जुड़ी कमियों को दूर करने की जरूरत पर रोशनी डाली।
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