नई दिल्ली: वस्त्र मंत्रालय ने हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आये 12 बुनकरों और शिल्पकारों को आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया। वस्त्र क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की उपलब्धियों को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी भी इस अवसर पर आयोजित की गई। इस अवसर पर ‘कारोबार में सुगमता’ पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तिका 10 भाषाओं यथा हिन्दी, मणिपुरी, असमिया, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ में उपलब्ध है। वस्त्र एवं हस्तशिल्प वस्तुओं के विदेश व्यापार में सहूलियत के लिए 15 सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। वस्त्र मंत्रालय के पहुंच (आउटरीच) एवं सहायता कार्यक्रम पर एक लघु फिल्म भी राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिखाई गई। यह राष्ट्रीय सम्मेलन ‘वस्त्र क्षेत्र में एमएसएमई के लिए उचित सामंजस्य सुनिश्चित करने’ पर आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 नवम्बर, 2018 को एमएसएमई के लिए 100 दिवसीय सहायता एवं पहुंच कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। इस दौरान देश भर के विभिन्न सेक्टरों में 100 जिलों की पहचान की गई। इनमें से 39 जिलों की पहचान वस्त्र क्षेत्र के लिए की गई। इनमें से 12 जिलों की पहचान हथकरघा के लिए, 19 जिलों की पहचान हस्तशिल्प के लिए और 8 जिलों की पहचान विद्युतकरघा (पावरलूम) के लिए की गई।
उपर्युक्त कार्यक्रम के तहत वस्त्र क्षेत्र में एमएसएमई के लिए उचित सामंजस्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चिन्हित जिलों में विभिन्न गतिविधियां शुरू की गईं। स्थानीय बैंक के सहयोग से मुद्रा ऋण के लिए शिविर आयोजित करना, ‘ई-धागा’ पर लाभार्थियों का नामांकन करना, लाभार्थियों को विभिन्न उपयोगी उपकरण (टूल किट) वितरित करना, शिल्पकारों एवं बुनकरों का पंजीकरण और उन्हें ‘पहचान कार्डों’ का वितरण करना इत्यादि इन गतिविधियों में शामिल हैं।
वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि आउटरीच कार्यक्रम के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केन्द्र सरकार की योजनाओं से संबंधित प्रासंगिक सूचनाएं लाभार्थियों तक अवश्य पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि वस्त्र क्षेत्र के एमएसएमई के लिए 6500 करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण मंजूर किये गये। वस्त्र मंत्री ने कहा कि 100 दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम के दौरान 2.6 लाख बुनकरों और शिल्पकारों को सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क के दायरे में लाया गया। वस्त्र मंत्री ने इस अवसर पर ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ का भी उल्लेख किया, जिसके तहत मामूली प्रीमियम के भुगतान पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को प्रति माह बतौर पेंशन 3,000 रुपये दिये जाएंगे।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावर चंद गहलोत ने कहा कि वस्त्र मंत्रालय के विभिन्न एमएसएमई में कार्यरत 70 प्रतिशत लोग एससी/एसटी एवं ओबीसी श्रेणियों में आते हैं। उन्होंने बुनकरों और हस्तशिल्प से जुड़े लोगों से अपने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं से लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के कार्यकाल के पिछले चार वर्षों के दौरान उद्यमियों को कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ गई है और इसके साथ ही इस अवधि के दौरान निर्यात में भी इजाफा हुआ है।
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