केंद्रीय रेल, वाणिज्य तथा उद्योग, उपभोक्ता कार्य तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नवाचार, उद्यमशीलता और कौशल विकास पर बल दिया गया है। श्री गोयल फिक्की उच्च शिक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति हमारे बच्चों को शिक्षित करने के तरीके को बदल देगी। शिक्षा और ज्ञान को बढ़ाने की लालसा इस पहल को नया बल देगी जिससे भारत विश्व का ज्ञान राजधानी बनेगा।
श्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें इस बात का गर्व है कि प्रत्येक बच्चा शिक्षा का अधिकार रखता है और उसे समान रूप से गुणवत्ता संपन्न शिक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा कि ज्ञान एक अद्भुत खजाना है। उन्होंने कहा कि जीवन का प्रत्येक क्षण सीखने, ज्ञान बढ़ाने तथा अपने ज्ञान को समाज के साथ साझा करने का क्षण है। उन्होंने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह नीति तैयार की गई है और इसलिए इसे व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है।
श्री गोयल ने कहा कि यदि हम व्यक्तित्व विकास पर बल देते हैं, जिम्मेदारी और नैतिक विज्ञान सिखाते हैं तो हम बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने के लिए तैयार करे, राष्ट्रवाद की भावना पैदा करें और पढ़ने की आदत विकसित करें। यह हमारे बच्चों को शिक्षित बनाने के तौर-तरीकों को परिभाषित करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को वह स्तर प्राप्त करना होगा जहां विकसित देश का विद्यार्थी भी हमारे देश में पढ़ने आएं। आईआईटी तथा आईआईएम के अतिरिक्त दूसरे संस्थानों में आए। श्री गोयल ने कहा कि यह देश एक साथ मिलकर चमत्कार कर सकता है। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के लोगों से एक होकर काम करने और विश्व के सात बिलियन नागरिकों के लिए रोडमैप तैयार करने को कहा।
उन्होंने राष्ट्र निर्माण में स्कूलों और शिक्षकों के योगदान की सराहना की। श्री गोयल ने कहा कि शिक्षा समानता लाती है, सभी को सशक्त बनाती है और सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद देती है।