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पूरे देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू

देश-विदेश

नई दिल्ली: केरल और तमिलनाडु द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लागू किए जाने के साथ अब यह अधिनियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो गया है। इसके परिणामस्वरूप 81.34 करोड़ लोगों को 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और 3 रूपये प्रति किलोग्राम के भाव से चावल मिलेगा। यह घोषणा आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने मीडिया से बातचीत में की। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से सक्रियता के साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने का आग्रह किया था।

श्री पासवान ने कहा कि केंद्र अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आगे सुधार करने पर फोकस करेगा। इसमें शुरू से अंत तक प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण शामिल है। इसके लिए राज्यों/ केद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कामकाज में पारदर्शिता लाना महत्वपूर्ण है। पारदर्शिता राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की महत्वपूर्ण विशेषता है ताकि अनाजों की चोरी और डायवर्जन रोका जा सके।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली को चोरी मुक्त बनाने के लिए केंद्र की ओर से अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए। श्री पासवान ने कहा कि 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थी का डेटा का डिजिटलीकरण किया गया है। इसमें लाभार्थी के स्तर तक सूचना उपलब्ध है और सूचना पब्लिक डोमेन में है। 28 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में अनाजों का ऑनलाइन आवंटन किया जा रहा है और 18 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्यान्न सप्लाई की पूरी श्रृंखला को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। राशनकार्डों का आधार से 100 फीसदी जोड़ने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। अभी 71 प्रतिशत राशनकार्ड आधार से जुड़े हैं। एफसीआई का खाद्यान्न नुकसान कम होकर 0.04 प्रतिशत रह गया है और एफसीआई के प्रमुख डीपो ऑनलाइन कर दिये गए हैं।

बेहतर लक्ष्य और खाद्यान्नों के चोरी मुक्त वितरण की दिशा में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना दो अलग-अलग रूप में चलाए जा रही हैं। पहली पद्धति में लाभार्थी के बैंक खाते में खाद्यान्न सब्सिडी नकद रूप में अंतरित की जा रही है। लाभार्थी अपनी पंसद के अनुसार बाजार से अनाज खरीद सकते हैं। यह प्रयोग चंडीगढ़, पुड्डुचेरी तथा दादरा और नगर हवेली के शहरी क्षेत्रों में शुरू किया गया है। दूसरे तरीके में उचित मूल्य की दुकानों को स्वचालित करना है ताकि बिक्री के इलेक्ट्रानिक प्वाइंट (इ-पीओएस) उपकरण के माध्यम से वितरण के समय लाभार्थी के प्रमाणीकरण के साथ अनाजों का वितरण किया जा सके। इस व्यवस्था में परिवार को दिए जाने वाले अनाज की मात्रा की इलेक्ट्रानिक जानकारी होती है। 31.10.2016 तक 1,61,854 उचित मूल्य की दुकानों में इ-पीओएस उपकरण काम कर रहे हैं।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कामकाज को सहज बनाने के लिए राज्य सरकारों को केंद्रीय सहायता दी जा रही है ताकि सरकारें राज्य के अंदर परिवहन खर्च और खाद्यान्नों के उतार-चढ़ाव तथा डीलर के मार्जिन का खर्च वहन कर सकें। उचित मूल्य के दुकानों को डीलरों की मार्जिन के लिए सहायता में उचित मूल्य दुकान पर डीओएस उपकरण लगाने और चलाने के लिए सहायता भाग शामिल है। भारत सरकार द्वारा 2016-17 में अब तक राज्य सरकारों को 1874 करोड़ रूपये जारी किए हैं। वर्तमान कवरेज पर अधिनियम के अंतर्गत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को खाद्यान्नों का मासिक आवंटन लगभग 45.5 लाख टन है और इसमें 11,726 करोड़ रुपये प्रति माह की सब्सिडी और लगभग 1,40,700 करोड़ रुपये सालाना की सब्सिडी है।

गन्ना बकायों के बारे में श्री पासवान ने कहा कि 2014-15 का बकाया 21 हजार करोड़ रुपये था जो घटकर 205 करोड़ रुपये रह गया है। चना को छोड़कर दालों की कीमतों में गिरावट आई है। गेहूं के मूल्यों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने एफसीआई ओएमएस योजना के अतंर्गत घरेलू बाजार में बिक्री के लिए अतिरिक्त 10 लाख टन गेहूं जारी करने का निर्णय लिया है।

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