देहरादून: बुनकर सेवा केन्द्र चमोली एवं उद्योग निदेशालय उत्तराखण्ड के समन्वय से आज 7 अगस्त राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में होटल कमला पैलेस, जी.एम.एस रोड में आयोजित कार्यक्रम का मा0 मंत्री सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्य्म उत्तराखण्ड सरकार हरीशचन्द्र दुर्गापाल द्वारा उद्घाटन किया गया।मा0 मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि हथकरघा उद्योग स्वतन्त्रता संघर्ष के दौरान भी हमारे स्वदेशी आन्दोलन का प्रतीक रहा है तथा वर्तमान समय में यह कृषि क्षेत्र के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। उन्होने कहा कि हमे उत्तराखण्ड के पर्वतीय लोगों को हथकरघा उद्योग से जोड़ने हेतु जागरूक करने, बुनकरों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने तथा इस प्रदेश को हेन्डलूम प्रदेश बनाने का उत्तराखण्ड सरकार का प्रयास है जिसके लिए सभी वित्त ऐजेंसियों नाबार्ड तथा विभिन्न विभागों का सहयोग अनिवार्य है। उन्होने हथकरघा के विकास में अनुकरणीय कार्य करने वाले पी.एम चन्दोला, नसीम अहमद, श्रीमती माहेश्वरी खाटी, सुन्दर लाल तथा डाॅ एच के भटवाड़ी को सम्मानित किया। मा0 मंत्री ने हथकरघा प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
बैठक में डाॅ राजेश कुमार अपर सचिव निदेशक उद्योग ने कहा कि हथकरघा बी.पी.एल परिवारों तथा महिलाओं की जीविका से सीधा जुड़ा हुआ उद्योग है तथा इसके विकास के लिए हमें ’जीरो डिफैक्ट एवं जीरो इफैक्ट’, डिजाइनिंग, ब्रांडिग, सस्टेनेबल मूल्य तथा प्रोपर फिनिशिंग देकर इसे अन्तराष्ट्रीय मार्केट से जोड़कर प्रदेश तथा स्थानीय लोगों का उत्थान कर सकते है।
बैठक में मुख्य महाप्रबन्धक नाबार्ड सी.पी मोहन ने कहा कि हथकरघा से निर्मित उत्पाद ईको फ्रेंडली, हेल्थ फे्रंडली तथा पीपुल फे्रडली होने के साथ भारत के संस्कार से भी गंुत्थे हुए है तथा इस उद्योग के उत्थान हेतु बुनकरों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाना आवश्यक है तभी अन्य लोगों को इस व्यवसाय में आने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होने कहा कि हमें इस क्षेत्र में आने वाली समस्त बाधाओं को मिलजुलकर दूर करना है तथा नाबार्ड इसके उत्थान हेतु हर प्रकार की वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार है।
बैठक में विवेकानंद खंडूड़ी उपाध्यक्ष उद्यमिता विकास ने कहा कि हथकरघा उद्योग के प्रति जागरूकता लाने हेतु प्रशिक्षण शिविर लगाये जाने चाहिए तथा इसके रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी समस्या बैंको से ऋण सम्बन्धी रूकावटों को दुरूस्थ किया जाना चाहिए।
बैठक में अपर निदेशक सूधीर चन्द्र नौटियाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हथकरघा निर्मित उत्पादों को घर-घर पहुंचाना तथा इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का अधिक-से-अधिक कल्याण करना है। उन्होने कहा कि हमारा प्रयास इस उद्योग को आनलाइन मार्केट से जोड़ने तथा ब्लाक में स्थापित कलस्टर को एक यूनिट के रूप में कार्य करने के साथ उपभोक्ताओं की पसन्द के अनुसार उत्पादो को निर्मित करने पर है, जिससे बुनकरों को भी आधुनिक वैश्विक बाजार का पूरा लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर आर.बी पुष्कर सहायक निदेशक बुनकर सेवा केन्द्र चमोली, विकास आयुक्त भारत सरकार के प्रतिनिधि सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।