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नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में गढ़वाली, कुमाऊँनी एव जौनसारी गीतों पर झूमे दूनवासी

उत्तराखंड

देहरादून: आयोजक उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में रविवार को काफी भीड़ देखने को मिली। अवकाश होने के कारण देहरादून वासियों ने प्रदर्शनी में आकर काफी खरीददारी की। वहीं शनिवार को नैशनल हैण्डलूम एक्सपो में संस्कृति एक सामाजिक संस्था व रविवार को संस्कृति विभाग से जौनपुर लोक कला मंच टिहरी गढ़वाल के सौजन्य से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत देवा ओ देवा पहाड़ी गीत के साथ हुई, उसके बाद उत्तराखण्ड के लोक गायक गिरीश सनवाल एवं लोक गायिका शकुन्तला रमोला ने चकोटी की पार्वती उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध गीत गाया, जिस पर प्रांगण में मौजूद लोगों ने काफी आनंद लिया। वहीं गायक नीतिन सनवाल ने चेता की चैत्वाली व किशोर रावत ने बहू सुरेला सतपुली का सेणा गीत गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं गिरीश सनवाल, विपिन पाण्डे व शकुन्तला रमोला ने कुमाऊँनी गीत छपेली, गढ़वाली व जौनसारी गीत गाकर नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में मौजूद लोगों का मनोरंजन किया। वहीं रविवार को लोक गायिका पूनम सती ने एक के बाद एक गढ़वाली गीतों की प्रस्तुती दी।  सुनीता पंवार की अध्यक्षता में कुमाऊंनी, जौनपुरी व जौनसारी गीतों पर जौनपुर लोक कला मंच टिहरी गढ़वाल के कलाकारों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किये गये। वहीं बेबी आंचल ने बेडू पाको, कान्डूढ़िया बियारा व ले भूजी जाला ले चूढ़ा गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।

भारत के लगभग उत्तराखण्ड सहित 17 राज्यों के हथकरघा बुनकरों के स्टॉल लगे हैं। जिसमें  क्षेत्रीय अधीक्षक उद्योग ऊन उत्तराखण्ड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड श्रीनगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा चंबा व जसपुर के स्टॉल भी हैं जिसमें हर वर्ग के लोगों के लिए खादी व ऊनी वासक्ट, सॉल, लेडिज स्टॉल, स्वेटर, मफ्लर, ट्वीट उपलब्ध है। श्रीनगर से आये दिनेश प्रसाद मैठाणी व शंकर सिंह रोथाण ने बताया कि हमारे पास हर वर्ग के किफायती दामों पर सारे उत्पाद मौजूद हैं जो एकदम हथकरघा द्वारा बनाये गये हैं। नैशनल हैण्डलूम एक्सपो में सरस्वती, यमुना व गंगा नाम से तीन स्टॉल लगाये गये हैं जिसमें काफी भीड़ देखने को मिली। लोगों की खरीददारी के साथ-साथ बच्चों ने भी खाने-पीने व झूलों का आनंद लिया। यमुना स्टॉल में राजस्थान के जयपुरी रजाई खूब बिक रही हैं जयपुर के कृष्णपाल सिंह ने बताया कि हमारे पास सेमल कॉटन से बने रजाईयां जो कि दिखने में बहुत ही हल्की हैं पर वे सर्दियों के लिए काफी अच्छे हैं। और दामों के मामले में भी काफी किफायती है।

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