देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने न्यू कैंट रोड स्थित सीएम आवास में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उत्तराखंड के लिए 104 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध कराई जा रही है स्वास्थ्य सेवाओं का समन्वय करते हुए एक प्लान तैयार किया जाए। इससे सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जाए। मेडिकल सिस्टम को अपना सौ प्रतिशत परिणाम देना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने एनएचएम से अपेक्षा की कि स्वास्थ्य के बुनियादी पहलुओं को एक कैंपेन के रूप में लिया जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित वर्ग को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। हर व्यक्ति अपने को सिस्टम के साथ जुड़ा महसूस कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे आशा कार्यकत्रियों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व एएनएम के साथ बेहतर समन्वय बनाया जाए। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशाओं को ₹2000 का नियत मानदेय का जीओ जारी हो चुका है। उत्तराखंड में महिलाओं में ल्यूकेरिया व एनीमिया को दूर करने के लिए मिशन प्रारंभ किया गया है। मातृत्व मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आईसीडीएस के माध्यम से फूड सप्लीमेंट उपलब्ध करवाने की योजना प्रारंभ की गई है। हमें प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर को कम करने पर विशेष ध्यान देना होगा। डॉक्टरों की कमी पूरे देश की समस्या है। प्रदेश में लोगों को 1,75,000 रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपील की कि प्राईवेट डाक्टर महीने में दो तीन दिन प्रदेश के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आएं। इसके लिए राज्य सरकार हैली सर्विस देने को भी तैयार है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वल्र्ड बैंक से पोषित महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति मिली है। 125 मिलियन डॉलर इस योजना में 90ः10 के अनुपात में फंडिंग पैटर्न है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने भारत सरकार, प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री का इसके लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रदेश के जिला अस्पतालों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मजबूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर जिले में कम से कम दो अस्पताल ऐसे होने चाहिए जो नेशनल स्टैंडर्ड के बराबर हों।
स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि एनएचएम तथा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के सौजन्य से gvk mri द्वारा संचालित 104 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन योजना प्रदेश के लिए वरदान साबित होगी। इसमें स्वास्थ्य संबंधित सलाह सूचना प्राप्त करने के साथ ही लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। किसी व्यक्ति द्वारा स्वास्थ्य संबंधी शिकायत करने पर तुरंत उस पर एक्शन लिया जाएगा तथा शिकायत को दूर करने की जाएगा। श्री नेगी ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। ब्लॉक लेवल पर 4 डॉक्टरों की टीम जाती है और स्थानीय लोगों का निशुल्क जांच व उपचार करने के साथ ही दवाईयां भी वितरित की जा रही हैं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना लोगों को 1,75,000 रूपए तक का इलाज करवाने में सहायक है। हमने भारत सरकार से 50 एंबुलेंस की मांग की है ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।
कार्यक्रम में बताया गया है कि उत्तराखंड राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपूर्ण राज्य के लिए 104 हेल्पलाइन प्रारंभ की गई है। राज्य के किसी भी स्थान से 104 नंबर पर निशुल्क कॉल करके स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही शिकायतें भी की जा सकती हैं।कॉल सेंटर में बैठे परामर्शदाता प्रश्नों का सही उत्तर देकर मार्गदर्शन करेंगे इसमें शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जाएगा इस अवसर पर प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, प्रबंध निदेशक एनएचएम नीरज खेरवाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉक्टर कुसुम नरियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।