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राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम बोर्ड की बारहवीं बैठक

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम (एमएसएमई)  मंत्री श्री कलराज मिश्र  की अध्यक्षता में आज यहां राष्‍ट्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मझौले उद्यम बोर्ड (एनबीएमएसएमई) की 12 वीं बैठक, आयोजित की गई। बैठक में एमएसएमई  राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह और राष्ट्रीय बोर्ड के वाइस चेयरमैन भी उपस्थित थे।

बैठक  में ‘मेक इन इंड़िया’ के लिए कार्य योजना, एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन, एमएसएमई के पुनरुद्धार और पुनर्वास की संरचना ,ईएम ऑनलाइन फाइलिंग के लिए पोर्टल, उद्योग आधार पंजीकरण,  प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के आकलन, स्फूर्ति में सुधार, आदि नवोन्‍मेष को बढ़ावा देना, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता के लिए एक योजना (एएसपीआइआरइ) और मुद्रा बैंक  पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

श्री कलराज मिश्र ने अपने उद्घाटन भाषण में क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा की गयी कई पहल के बारे में बताया और जोर देकर कहा कि एमएसएमई मंत्रालय सरकार की पहल ‘मेक इन इंड़िया’ को प्रमुख योगदान देने जा रहा है। ‘मेक इन इंड़िया’ का उद्देश्य उत्पादकता, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और लघु उद्योगों का सहयोग करना और विश्व स्तर के निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। श्री मिश्र ने कहा कि मुद्रा  बैंक साहूकारों के हाथों छोटे उद्यमियों के शोषण को रोकेगा और उन में नया विश्वास पैदा करेगा।

श्री मिश्र ने कहा कि डिजीटल रोजगार कार्यालय प्रधानमंत्री के डिजीटल भारत के दर्शन की कड़ी में है। उन्होंने कहा कि वेब पोर्टल ‘डिजीटल रोजगार कार्यालय’  हॉल में शुरू किया गया है और इससे नौकरी चाहने वालों को नौकरी खोजने के लिए और उपयुक्त उद्योग के लिए उपयुक्त जनशक्ति खोजने के लिए औद्योगिक इकाइयों को सक्षम करने का रास्ता खुलेगा है।

स्फूर्ति  के संशोधन के बारे में श्री मिश्र ने कहा कि संशोधित योजना अब आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में लग रही है और साथ ही समूहों के लिए आधार के रूप में कई उत्पादों के लिए अनुमति है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई में रूग्‍णता, गैर-निष्पादनकारी परिसम्‍पत्तियां और निर्गम नीतियां लघु उद्योगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं । इसलिए, लघु उद्योगों के पुनरुद्धार और इन्हें बाहर निकलने के लिए विशेष ऋण वितरण की जरूरत है। उनके अनुसार, मंत्रालय ने एमएसएमईडी  अधिनियम की धारा 9 के तहत एमएसएमई के पुनरुद्धार और पुनर्वास के लिए एक रूपरेखा को अधिसूचित किया है। इस ढांचे के तहत, कोई भी उद्यम राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और दूसरों के साथ बैंकों की ओर से गठित समिति के माध्यम से पुनरुद्धार और पुनर्वास लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

एमएसएमई राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने भी ग्रामीण जनता को उत्थान के लिए सक्षम करने के लिए एमएसएमई क्षेत्र के विकास की आवश्यकता पर बल दिया।

एमएसएमई मंत्रालय में सचिव डॉ अनूप के. पुजारी, विशेष सचिव एवं विकास आयुक्त (एमएसएमई) श्री अमरेन्द्र सिन्हा और सदस्य सचिव (एनबीएमएसएमई) ने भी राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक को संबोधित किया।

एमएसएमई मंत्री मध्य प्रदेश,  श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया; एमएसएमई मंत्री ओडिशा,श्री जोगिन्द्र बेहरा;  प्रभारी मंत्री (एमएसएमई) उत्तर प्रदेश, श्री भागवत सरन गंगवार; राज्य सभा सांसद श्री बीके हरिप्रसाद; राज्य सरकारों और मंत्रालयों/ विभागों के अधिकारी, विशेष आमंत्रित,अन्य एमएसएमई संघों के प्रतिनिधि, वित्तीय संस्थानों, भारतीय रिजर्व बैंक,  एसआइडीबीआइ और महिला उद्यमियों के साथ आमंत्रित विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया और सक्रिय रूप से एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

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