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रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा “डेस्टीनेशन नॉर्थ-ईस्ट इंडिया” उत्सव का एक नवंबर से शुभारंभ

देश-विदेश

प्रगतिशील भारत और भारतवासियों की संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरव के 75 वर्ष होने के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के समारोहों के क्रम में राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध विरासत का जश्न मना रहा है। यह आयोजन उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद की पहल पर किया जा रहा है, जिसका शीर्षक “डेस्टीनेशन नॉर्थ-ईस्ट इंडिया” रखा गया है। यह समारोह आज एक नवंबर, 2021 को शुरू होगा और सात नवंबर, 2021 तक चलेगा।

सप्ताह भर चलने वाले जश्न का उद्घाटन राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक एवं संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव श्री पार्थसारथी सेन शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित करके राष्ट्रीय संग्रहालय प्रेक्षागृह में किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय संग्रहालय के अतिरिक्त महानिदेशक श्री सुब्रत नाथ, अन्य अधिकारी और अतिथिजन उपस्थित थे। श्री पार्थसारथी सेन शर्मा ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा, “राष्ट्रीय संग्रहालय में भारत के विभिन्न नस्ली समूहों की विविध संस्कृतियों का प्रतिनिधि संग्रह मौजूद है। इसके साथ ही कलात्मक वस्तुओं में ज्यादातर पूर्वोत्तर भारत के जीवंत विरासत का प्रतिनिधि करने वालीं वाली कलात्मक वस्तुओं का भी संग्रह है। मुझे इस बात का एहसास है कि इतने कम समय में मेरी टीम ने इस कार्यक्रम के बारे में सोचा और पूर्वोत्तर भारत के सभी जानकार लोगों के सहयोग से इसे पूरा किया। इसलिये हम यहां उपस्थित सभी सांस्कृतिक समूहों के प्रयासों की सराहना करते हैं। इस तरह के सहयोग से संग्रहालय और समुदाय एक-दूसरे के निकट आते हैं। किसी भी संग्रहालय में प्रस्तुत की जाने वाली भौतिक संस्कृति के सच्चे प्रतिनिधि वहां के लोग होते हैं। संग्रहालय के कर्ता-धर्ता लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे विभिन्न समुदायों के लिये यह संभव बनायें कि वे संग्रहालय में प्रस्तुत वस्तुओं से जुड़ सकें।” राष्ट्रीय संग्रहालय के एडीजी श्री सुब्रत नाथ ने पूर्वोत्तर के लोक नृत्य सहित वहां की हरीतिमा और समृद्ध संस्कृतियों को रेखांकित किया।

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद, दोपहर के भोजनावकाश के पहले तीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। इस सिलसिले में अग्रगामी डान्स एंड सिने आर्ट के दल ने सत्रीया नृत्य और सिक्किम का सिंही छम नृत्य पेश किया। इसी तरह पंथोइबी जागोई मारुप ने मणिपुरी खम्बा थोइबी नृत्य पेश किया। भोजनावकाश के बाद नगा तांगखुल नृत्यु हुआ। साथ में अग्रगामी डान्स एंड सिने आर्ट के दल ने सिंही छम और बिहू नृत्य प्रस्तुत किया। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पूर्वोत्तर के रंगारंग नृत्यों की दर्शकों ने खूब प्रशंसा की। (फोटो संग्लन)

कल दिखाये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में बसंत रास, चेरोकान और सिक्किम का मारूनी (नेपाली नृत्य) दोपहर को और दोपहर के बाद गोयालपारिया लोक गीत, चिरोकान नृत्य और बसंत रास नृत्य दिखाया जायेगा।

सांस्कृतिक प्रस्तुतिकरण की सीधी स्ट्रीमिंग राष्ट्रीय संग्रहालय के सोशल मीडिया हैंडलों के जरिये की गई। (https://twitter.com/NMnewdelhi;https://www.facebook.com/Nationalmuseumnewdelhi;https://www.instagram.com/nmnewdelhi/;https://www.youtube.com/channel/UCNkKt0hp9OL1G0o1XMX1ncw

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