नई दिल्ली: भारत सरकार की एक प्रमुख निश्चित अंशदान पेंशन योजना ‘राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)’ ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के लिए अपनी सदस्यता संख्या जारी कर दी है। इस योजना की सदस्य संख्या में 30% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस योजना में निजी क्षेत्र के 1.03 लाख व्यक्तिगत ग्राहकों या सदस्यों का नामांकन पहली तिमाही के दौरान किया गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 206 कॉरपोरेट नामांकन भी कराए गए। इसके परिणामस्वरूप 18 से 65 वर्ष के आयु समूह में कुल 10.13 लाख कॉरपोरेट सदस्य हो गए हैं। पंजीकृत 1,02,975 सदस्यों में से 43,000 ने अपने नियोक्ता/कंपनी के माध्यम से सदस्यता प्राप्त की है, जबकि बाकी सदस्यों ने स्वेच्छा से इस योजना में अपना नामांकन कराया है।
कोविड-19 के प्रकोप के बाद नियोक्ताओं ने कर्मचारियों की वित्तीय खुशहाली की दृष्टि से उन्हें पर्याप्त सहायता सुनिश्चित करने के लिए अब और भी अधिक प्रभावकारी उपायों को या तो अपना लिया है या अपनाने को तैयार हैं। विलिस टावर्स वॉटसन के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार निजी क्षेत्र के 20 प्रतिशत से भी अधिक नियोक्ताओं का उद्देश्य सेवानिवृत्ति से जुड़ी पर्याप्तता और उपलब्ध बचत विकल्पों के बारे में कर्मचारियों को जागरूक करना है। इसी तरह कुछ कंपनियां स्वतंत्र एवं निष्पक्ष वित्तीय सलाह प्रदान करके सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच रहे कर्मचारियों पर फोकस कर रही हैं। इसके अलावा, लगभग 30 प्रतिशत नियोक्ता आर्थिक स्थिति और नौकरी की सुरक्षा से संबंधित मानसिक तनाव एवं चिंताओं के मद्देनजर कर्मचारियों की वित्तीय और भावनात्मक स्थिति पर महामारी से पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों को समाप्त करने पर गौर कर रहे हैं। चूंकि नियोक्ताओं द्वारा कई अल्पकालिक उपाय करने के बावजूद सेवानिवृत्ति लाभों के कम होने की संभावना नहीं है, इसलिए कर्मचारीगण संभवत: अंशदान की निर्धारित समयसीमा, धन निकासी और एकमुश्त भुगतान के समय, इत्यादि में और भी अधिक लचीलेपन की उम्मीद कर रहे हैं।
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा: ‘राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) कॉरपोरेट कर्मचारियों के बीच काफी सफल रही है। वैसे तो लोगों के जीवन में वित्तीय नियोजन अक्सर प्राथमिकता में नहीं होता है, लेकिन इस महामारी के कारण लोगों ने वित्तीय नियोजन पर मंथन करना शुरू कर दिया है जिससे इस तरह की संकट की घड़ी में वित्तीय सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ रही है। इस महामारी के दौरान कंपनियों और व्यक्तियों दोनों को ही यह अहसास हो रहा है कि सेवानिवृत्ति योजना का उद्देश्य केवल बचत या कर लाभ नहीं है। एनपीएस के लाभों के बारे में कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए निजी कंपनियों द्वारा निभाई गई भूमिका अत्यंत सराहनीय है, जिसके परिणामस्वरूप यह तिमाही पेंशन क्षेत्र के नियामक के लिए काफी दिलचस्प साबित हुई है। हमने भी अप्रत्याशित संकट के इस दौर में ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सक्रिय कदम उठाए हैं।’
नागरिकों को विभिन्न लाभों से अवगत कराने और पेंशन एवं राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के बारे में जागरूकता बढ़ाने की अपनी पहल के तहत पीएफआरडीए प्रमुख उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के साथ मिलकर वेबिनार आयोजित करता रहा है।