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राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के प्रबंधन के अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) अब 1 लाख करोड़ रुपये के भी पार

देश-विदेश

नई दिल्ली: 1 जनवरी, 2004 को अथवा इसके बाद केन्‍द्र सरकार में शामिल होने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों (सशस्‍त्र बलों को छोड़कर) के लिए एनपीएस लागू की गई है। ज्‍यादातर राज्‍य/केन्‍द्र शासित सरकारों ने भी अपने नये कर्मचारियों के लिए राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को अधिसूचित किया है। एनपीएस को स्‍वैच्छिक आधार पर 1 मई, 2009 से प्रत्‍येक भारतीय नागरिक के लिए उपलब्‍ध कराया गया है।

यही नहीं, 1 जून 2015 से अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का शुभारंभ किया गया है, जिससे तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को अपेक्षा को मुताबिक काफी बढ़ावा मिला है। मौजूदा समय में एनपीएस और एपीवाई के सदस्‍यों की संख्‍या 1 करोड़ से भी अधिक है और इनके प्रबंधन के अ‍धीन परिसंपत्तियां (एयूएम) कुल मिलाकर 1,00,275 करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच गई हैं। विभिन्‍न अनुभागों (सेगमेंट) के लिहाज से 3 अक्‍टूबर, 2015 को एनपीएस और एपीवाई की ताजा स्थिति कुछ इस प्रकार रही:

अनुभाग सदस्‍यों की संख्‍या प्रबंधन के अधीन परिसंपत्ति (करोड़ रुपये में)
केन्‍द्र सरकार 15,71,136 42,381
राज्‍य सरकारें 27,74,459 47,974
एनपीएस-निजी क्षेत्र 5,24,143 7,943
एनपीएस-लाइट/स्वावलंबन 44,67,733 1,865
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) 7,94,467 112
कुल 1,01,31,938 1,00,275

   पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एनपीएस को सदस्‍यों के और ज्‍यादा अनुकूल बनाने के लिए नीतिगत एवं परिचालन के स्‍तरों पर अनेक कदम उठाये हैं। इसके अलावा, विशेषकर एनपीएस के लिए मुहैया कराये गये अतिरिक्‍त कर लाभों से इस योजना को नई गति मिली है। इसके फलस्‍वरूप मार्च, 2016 के आखिर तक सदस्‍यों की संख्‍या में खासी बढ़ोतरी होने की आशा है।

   सदस्‍यों की सुविधा के लिए हाल के महीनों में निम्‍नलिखित कदम उठाये गये हैं:

  • रिटर्न को अनुकूल बनाने हेतु निवेश अवसर बढ़ाने के लिए एनपीएस से जुड़े निवेश संबंधी दिशा-निेर्देशों को संशोधित किया गया है।
  • एनपीएस के 10 साल पूरे होने के बाद विशेष उद्देश्‍यों जैसे बच्‍चों की उच्‍च शिक्षा, बच्‍चों की शादी, मकानों के निर्माण और निर्दिष्ट बीमारी के लिए सदस्‍य के अपने योगदान के 25 फीसदी तक आंशिक निकासी की इजाजत एनपीएस के सदस्‍यों को दी गई है।
  • एनपीएस के निजी क्षेत्र से जुड़े सदस्‍य 60 साल की उम्र के बाद भी 70 साल की आयु तक अपना योगदान जारी रख सकते हैं।
  • एनपीएस के सदस्‍य 70 साल की आयु तक एकमुश्‍त राशि की निकासी को टाल सकते हैं और उनके पास सेवानिवृत्ति की तिथि अथवा 60 साल की आयु से लेकर 3 साल तक वार्षिकी की खरीदारी को टालने का भी विकल्‍प है। इस अवधि के दौरान संबंधित कोष प्रणाली में ही निवेशित रहता है।
  • सीआरए द्वारा मौजूदा सदस्‍यों को भेजे जाने वाले लेन-देन के विवरण (एसओटी) को संशोधित किया गया है, ताकि खाता खोलने की तारीख के बाद से ही व्‍यक्तिगत सदस्‍य के रिटर्न के साथ-साथ पिछले वित्त वर्ष के दौरान सृजित रिटर्न को दर्शाया जा सके।
  • धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्‍त कर लाभ पाने के लिए 50,000 रुपये के अतिरिक्‍त योगदान की जमा (डिपॉजिट) को सुविधाजनक बनाने एवं संचालित करने के लिए एनपीएस के दायरे में पहले ही लाये जा चुके सरकारी सदस्‍यों को किसी भी पीओपी-एसपी के जरिये अपने टीयर-1 खाते में स्‍वैच्छिक योगदान को जमा करने की सुविधा मुहैया कराई गई है। पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाये गये सरकारी कर्मचारी भी किसी पीओपी-एसपी के जरिये व्‍यक्तिगत टीयर-1 खाता खोलकर और इसमें योगदान कर यह कर लाभ पा सकता है।
  • एनपीएस के सभी सदस्‍यों को पासवर्ड को ऑनलाइन रिसेट करने और मोबाइल नम्‍बर तथा ई-मेल आईडी बदलने की सुविधा दी गई है।
  • खाते में योगदान और ‘प्राण’ में अन्‍य बदलावों पर नियमित मासिक अलर्ट के अलावा सदस्‍यों को एनपीएस खाते की राशि पर एसएमएस अलर्ट हर तीन महीने में भेजा जाता है।

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