सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने उद्यमिता संस्कृति को प्रोत्साहन देने और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब योजना और मंत्रालय की अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आज ओडिशा में मयूरभंज के बारीपदा में साहिद स्थित स्मृति भवन में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन किया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) श्री गिरीश चंद्र मुर्मू और सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम राज्य मंत्री, श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में लगभग 700 अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के इच्छुक और मौजूदा उद्यमियों ने हिस्सा लिया।
श्री मुर्मू ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए सकल घरेलू उत्पाद और भारत से समग्र निर्यात में इसके योगदान के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र न केवल कम पूंजी लागत पर रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भी मदद करता है। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इस कॉन्क्लेव के माध्यम से राज्य के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी नवीन विचारों और पारस्परिक व्यापार के अवसरों का पता लगाएंगे और इन योजनाओं से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के डॉ. केतकी बापट, सलाहकार/वैज्ञानिक ‘जी’ की अध्यक्षता में एक विशेष तकनीकी सत्र ने इच्छुक और मौजूदा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, उधार देने वाले संस्थानों आदि के साथ बातचीत करने के लिए एक चर्चा का मंच प्रदान किया। कार्यक्रम में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, महानदी कोलफील्ड लिमिटेड जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई ने भी हिस्सा लिया। इन कंपनियों ने अपने वेंडर पैनल की प्रक्रिया और खरीदे जाने वाले उत्पादों/सेवाओं के विवरण के बारे में प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में यूको बैंक और भारतीय स्टेट बैंक जैसे वित्तीय संस्थान भी उपस्थित थे। इन वित्तीय संस्थानों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र से संबंधित विभिन्न ऋण योजनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी खड़गपुर, केंद्रीय टूल रूम एवं प्रशिक्षण केंद्र, भुवनेश्वर, केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं प्रौदोगिकी संस्थान जैसे प्रशिक्षण संस्थानों ने भी स्टाल लगाकर और अपनी तकनीक और विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों का प्रदर्शन करके इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में मौके पर ही अनुसूचित जाति/जनजाति सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम प्रतिभागियों के पंजीकरण की सुविधा के लिए उद्यम पंजीकरण की सुविधा डेस्क भी स्थापित की गई थी।
इस आयोजन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई मंत्रालय और ओडिशा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में समावेशी विकास के लिए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति हब-एनएसएसएच योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति समुदायों के बीच उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को सार्वजनिक खरीद नीति के अनुसार 4 प्रतिशत जनसंख्या तक पहुंचाने के लिए विभिन्न पहलों का भी वर्णन किया गया है।