केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में राष्ट्रीय कृषि प्रबंधन संस्थान, हैदराबाद के समन्वय से पांच दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं पांडिचेरी से आये कृषि प्रसार अधिकारी, सहायक प्राध्यापक, कृषि विज्ञान के विषय विशेषज्ञों उद्यान अधिकारियों एवं तकनीकी अधिकारियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 15 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत संस्थान के निदेशक डा. शैलेन्द्र राजन ने सघन बागवानी एवं ट्री आर्कीटेक्चर के विभिन्न पहलुओं एवं कठनाइयों पर विस्तुत चर्चा के साथ प्रारम्भ किया। राष्ट्रीय कृषि प्रबंध संस्थान, हैदराबाद की तरफ से प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डा. जाबिर अली ने प्रसार तकनीक एवं कृषि तकनीक के कुशल प्रसारण की बारीकियों पर प्रशिक्षुओं को विस्तृत जानकारी दी। केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डा. कंचन कुमार श्रीवास्तव, जो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षण समन्वयक है, ने प्रशिक्षुओं को सघन बागवानी में ट्री आर्कीटेक्चर तकनीक द्वारा अधिक से अधिक सूर्य के प्रकाश के दोहन हेतु उचित एंव कुशल आर्कीटेक्चर पर बाग में प्रेक्टिकल प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षुओं को जल प्रबंधन, पोषण प्रबंधन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन पर वैज्ञानिकों ने विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा. दिनेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने आम के नये लगाए गये पौधों के छत्रक प्रबंधन एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति तकनीक पर प्रक्षेत्र में विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में अधिकतर प्रशिक्षुओं ने फील्ड में जाकर प्रयोगिक अनुभव किया।
सघन एवं अति सघन बागवानी के तरफ बढ़ती रुचि के कारण पौधों के उचित आर्किटेक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि अधिक घनत्व के कारण फलों की उपज एवं उनकी गुणवत्ता पर कोई खराब प्रभाव ना पड़े| किसान इस विषय पर नियमित रूप से संस्थान से संपर्क करते रहे हैं ताकि उन्हें कम क्षेत्र से ही अधिक उत्पादन करने में सफलता प्राप्त हो सके| इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पौधे के आर्किटेक्चर की नवीनतम जानकारी को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रसार कार्यकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों को सुसज्जित करना था ताकि वे नए उद्यान लगाते समय इन महत्वपूर्ण विषयों को ध्यान में रखें| इस ट्रेनिंग के दौरान बागों में प्रयोगात्मक रूप से कार्य करने के फल स्वरुप प्रशिक्षणार्थियों ने काफी और अनुभव प्राप्त किया जो कि उन्हें किसानों के खेत में सफलता दिलाने में सहायक होगा|
संस्थान द्वारा आम, अमरूद, जामुन एवं बेल फल प्रजातिओं की उन्नत किस्मों की सघन बागवानी एवं मिडो आचर्ड़िग तकनीक पर प्रशिक्षण में आये प्रशिक्षुकों ने सराहा एवं सघन बागवानी, छत्रक प्रबंधन, जल, पोषण प्रबंधन पर अपनी जिज्ञासा पूरी की। प्रशिक्षणार्थियों ने सघन बागवानी हेतु पौध उत्पादन तकनीक पर विस्तृत जानकारी हासिल किया। केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित आम, अमरूद, जामुन एवं बेल की सघन काश्तकारी हेतु उपयुक्त प्रजातियों, ले आउट एवं पौध रोपण की बारीकिया सिखाई गयी। संस्थान कृषकों की आय को दोगुना करने के विभिन्न उपायों एवं खेती में उत्पादन बढ़ाने एवं उत्पादन लागत घटाने के लिए उन्नति तकनीक की जानकारी साझा की गयी।