नई दिल्लीः राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आज 23 अप्रैल को जबलपुर में पंचायत द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के कायाकल्प विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इसका शुभारम्भ केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया । इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री तोमर ने कहा कि पंचायती राज दिवस से एक दिन पहले आयोजित कार्यशाला से देशभर की ग्राम पंचायतों और पंचायत प्रतिनिधियों को संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध होगा और वे इस बारे में विचार साझा कर सकेंगे कि पंचायतों की बुनियाद को किस तरह और मजबूत बना कर गांवों के कायाकल्प में तेजी लाई जाये।
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पहले पंचायती राज दिवस का आयोजन 24 अप्रैल के दिन नई दिल्ली में हुआ करता था और भाषण, पुरस्कार वितरण तथा भोजन के बाद इसका समापन हो जाता था । लेकिन केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार बनने के बाद कोशिश की गई कि सरकार के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों को दिल्ली के वातानुकूलित परिवेश से बाहर लाकर देश के विभिन्न क्षेत्रों और अंचलों में पहुंचाया जाये । उन्होंने कहा कि यह इसी का परिणाम है कि इस बार का आयोजन मध्य प्रदेश के मंडला जिले के रामनगर में हो रहा है ।
श्री तोमर ने कहा कि जिस स्थान पर पंचायती राज दिवस का आयोजन हो रहा है वह रानी दुर्गावती की कर्मस्थली रही है, जिन्होंने समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए दोनों हाथों में तलवार लेकर अपना कर्तव्य निभाया । पंचायती राज मंत्री ने कहा कि मंडला में पंचायती राज दिवस के आयोजन में भाग लेने के लिए पूरे देश से जनप्रतिनिधि आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में पंचायत प्रतिनिधि अत्यन्त उत्साह के साथ लोकतंत्र की प्राथमिक पाठशाला के रूप में पंचायती राज संस्थाओं और लोकतंत्र की बुनियाद को सशक्त बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं ।
श्री तोमर ने कहा कि हमें यह सोचना है कि नये भारत के निर्माण के लिए हमारा क्या योगदान हो सकता है । उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि अगर देश के ढाई लाख सरपंच अपने गांव को सक्षम नेतृत्व दे दें, और गांव की बुनियाद को केन्द्र और राज्य शासन के
सहयोग से मजबूत और विकसित कर दें, तो देश को विकसित राष्ट्र बनने से कोई भी नहीं रोक सकता । उन्होंने कहा कि गांव बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा और प्रधानमंत्री जी ने इसी पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है । उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की बात की थी, तो लोगों ने कहा था कि मामूली सा यह विषय प्रधानमंत्री के स्तर का नहीं है और उन्हें छोटी–छोटी बातों की जगह बड़े और महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देना चाहिए ।
श्री तोमर ने कहा कि अब लोगों को स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्यों और इसकी सफलता को देखकर लगने लगा है कि यह बात छोटी नहीं, बल्कि बहुत बड़ी और देश के लिए आवश्यक थी । उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 70 साल गुजर गये हैं, लेकिन अगर इसे एक अभियान के रूप में जमीन पर नहीं उतारा जाता तो शायद 140 साल गुजर जाने के बाद भी हम देश को स्वच्छ नहीं बना पाते । श्री तोमर ने कहा कि साल 2014 के बाद देश में 6 करोड़ शौचालय बनाये गये और 3.50 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है । वर्ष 2019 तक देश को खुले में शौच से पूर्णत: मुक्त बना दिया जायेगा । श्री तोमर ने कहा कि इससे पंचायतों का मान और देश का स्वाभिमान बढ़ा है, लेकिन इस बारे में अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है । श्री तोमर ने कहा कि पंचायती राज दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना का शुभारम्भ करेंगे । इस अवसर पर ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार भी शुरू किया जायेगा ।
ग्रामीण विकास, पंचायती राज और खान मंत्री ने कहा कि कार्यशाला में जनप्रतिनिधि विभिन्न विषयों पर विचार करने के साथ पंचायतों की भूमिका अधिक व्यापक बनाने तथा कठिनाइयों और इनके समाधान जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे । उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला के निष्कर्ष, पंचायतों को और सशक्त बनाने में काफी मददगार साबित होंगे ।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केन्द्रीय पंचायती राज, कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला; मध्य प्रदेश शासन के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जबलपुर से लोकसभा सांसद और नवनियुक्त प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा जी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास सचिव श्री अमरजीत सिन्हा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।