नई दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म, छोटे और मझौले उद्यम मंत्री श्री कलराज मिश्र ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीयमैन्युफैक्चरिंग स्पर्धा कार्यक्रम के अंतर्गत डिजाइन विशेषज्ञता पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन किया। यहकार्यक्रमराष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद के सहयोग से सूक्ष्म, छोटे और मझौले उद्यम मंत्रालय केविकास कार्यलय के अंतर्गत क्रियान्वित किया जाएगा।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन सूक्ष्म, छोटे और मझौले उद्यमों को राष्ट्रीय तथाअंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में स्पर्धी बनाने के लिए किया गया। राष्ट्रीय कार्यशाला से सूक्ष्म लघु और मझौल उद्यममंत्रालय और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान को क्षेत्र में भविष्य के विकास का मार्ग तलाशने में मदद मिली है।
सूक्ष्म, लघु मझौले उद्यम क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद, कुल औद्योगिक उत्पादन तथारोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान करते है। भारत के विकास के लिए सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र कीनिरंतरता महत्वपूर्ण है। मैन्युफेक्चरिंग का संबंध उत्पादकता से है और उत्पादकता की निरंतरता बनाए रखनाउद्योग द्वारा नए, वांछित और गुणवत्ता संपन्न उत्पाद तैयार करने की क्षमता पर निर्भर है।
राष्ट्रीय मैन्युफेक्चरिंग स्पर्धा कार्यक्रम के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों के लिएडिजाइन योजना का उद्देश्य उत्पादों, प्रक्रियाओं, संचार, श्रम दक्षता तथा प्रणाली स्तर की अनेक गतिविधियों मेंडिजाइन समर्थन के माध्यम से सुधार करना है। हाल में योजना के बजट, संकल्प और लक्ष्य को संशोधित कियागया है। इस क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। ताकि यह क्षेत्रडिजाइन,नवाचार, मानव कौशल विकास तथा मार्केटिंग प्रणाली का लाभ उठा सके। पेशेवर डिजाइनपरियेाजनाओं के मामले में ऑटोमेटिव उत्पाद, घरेलू/व्यवसायिक उपकरण, इलेक्ट्रोनिक उपकरण, फर्नीचर, आद्यौगिक उपकरण, चिकित्सा उपकरण, पैकेजिंग समाधान, सुरक्षा उपकरण, खिलौना डिजाइन तथा कृषिउपकरण जैसे क्षेत्रों में अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए। लक्षित कलस्टरों को विविधता प्रदान करने से डिजाइनयोजना को अच्छे डिजाइन तैयार करने में मदद मिली है। सेरामिक्स के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए से अनेकयोजनाएं चलाई जा रही है। इस तरह डिजाइन योजना सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम क्षेत्र में वैश्विक स्पर्धा कोदेखते हुए रणनीतिक परिवर्तन कर रही है।
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