नई दिल्ली: सरकार युवाओं के नेतृत्व पर आधारित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने में सक्षम बनाने के लिए यह जरूरी है कि उनमें नेतृत्व के गुण विकसित किये जाएं। इस संदर्भ में, विभाग ने दिसम्बर 2014 को ‘राष्ट्रीय युवा नेतृत्व कार्यक्रम‘ नामक एक नयी योजना प्रारम्भ की। इस योजना के निम्नलिखित 5 संघटक हैं,
(क) स्थानीय युवा संसद: नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के युवा क्लबों का‘स्थानीय युवा संसद‘ के रूप में ऊर्जावान मंच विकसित करना ताकि युवा क्लब के सदस्यों को सामाजिक-आर्थिक विकास के समसामयिक मामलों के बारे में शिक्षित किया जा सके और उन्हें ऐसे मामलों पर बहस/विचार-विमर्श में शामिल किया जा सके।
(ख) विकास कार्यक्रम के लिए युवाः युवाओं से स्वैच्छिक श्रमदान कराते हुए उनकी विशाल ऊर्जा को बड़े पैमाने पर राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगाना।
(ग) राष्ट्रीय युवा नेतृत्व पुरस्कारः युवाओं द्वारा किये गये कार्य की सराहना और सम्मान करके उन्हें उनके क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करना।
(घ) राष्ट्रीय युवा सलाहकार परिषदः युवाओं से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में युवा नेताओं एवं अन्य हितधारकों को सक्रिय रूप से शामिल करना।
(ड़) राष्ट्रीय युवा विकास कोषः युवाओं के विकास के लिए सीएसआर कोष जैसे गैर-सरकारी स्रोतों से धन जुटाना।
इस योजना का कार्यान्यवन वित्त वर्ष 2014-15 की अंतिम तिमाही में शुरू किया गया। वैसे तो इस योजना का पूरा प्रभाव वित्त वर्ष 2015-16 में ही देखने को मिलेगा, लेकिन इस योजना के लाभ दिखाई देने लगे हैं। वर्ष 2014-15 के दौरान, प्रखंड स्तर पर 4640 स्थानीय युवा संसद कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें नेहरू युवा केंद्र से संबंधित युवा क्लबों के 3,71,000 सदस्यों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में युवाओं ने समाज के लिए प्रासंगिक और युवाओँ के लिए महत्वपूर्ण समकालीन मुद्दों पर चर्चा की। स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकायों ने भी इनमें सक्रिय भागीदारी की। इन कार्यक्रमों के प्रभाव से युवाओं को शासकीय प्रणालियों में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम के अन्य संघटकों के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।