नई दिल्ली: नौसेना कमांडरों का एक तीन दिवसीय सम्मेलन 25 से 27 अक्टूबर, 2016 के बीच नई दिल्ली में आयोजित होगा। इस सम्मेलन के दौरान नौ सेना के शीर्ष नेतृत्व के सामने कार्यात्मक मुद्दों की समीक्षा करने के साथ-साथ परिचालन संबंधी मुद्दों की समीक्षा करने का भी अवसर होगा।
इस सम्मेलन का आयोजन देश की हालिया रक्षा संबंधित घटनाओं के मद्देनजर किया जा रहा हैं जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। दो अन्य शस्त्र बलों की तरह भारतीय नौसेना को बेहतर संचालन के साथ देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के उद्देश्य से किसी भी खतरे को नाकाम करना आवश्यक है। विस्तृत रूप में देखा जाए तो भारतीय नौसेना के पास भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में समग्र सुरक्षा स्थिति को बढ़ावा देने के साथ-साथ पड़ोसी देशों की समुद्री सीमा पर देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। कमांडरों के इस सम्मेलन में परिचालन संबंधी विभिन्न अभ्यासों और संसाधन की उपलब्धता से संबंधित विभिन्न मानदंडों का विश्लेषण किया जाएगा।
इस सम्मेलन के पहले दिन माननीय रक्षा मंत्री नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन को नौसेना के शीर्ष नेतृत्व और अन्य सरकारी अधिकारियों के बीच संस्थागत बातचीत के एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
नौसेना के भविष्य की योजना के रूप में इस सम्मेलन के दौरान “मेक इन इंडिया” तहत चल रही विभिन्न योजनाओं का विश्लेषण किया जाएगा और रक्षा संबंधित सौदों की खरीद के बारे में भी सलाह-मशविरा होगा। सम्मेलन के दौरान कमांडर नौसेना के भविष्य की रूप-रेखा भी सामने रखेंगे, जिसमें प्रमुख तकनीक और डिजिटलीकरण भी शामिल है।