लखनऊ: प्रदेश सरकार ने प्रसंस्कृत दूध एवं दूध उत्पादों को बढ़ावा देने, राज्य में प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने, बुनियादी ढांचा एवं दुग्ध क्षेत्र मंे निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 जारी कर दी है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास डा0 सुधीर एम0 बोबड़े ने दी। उन्होंने बताया कि इस नीति के द्वारा प्रदेश मे ंग्रामीण अंचल के किसानों को दुग्ध व्यवसाय में अभिरुचि पैदा कर स्वरोजगार स्थापित करने को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादकों के हितों की रक्षा करना एवं दुग्ध उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के दुग्ध पदार्थ उपलब्ध कराना इस नीति का उद्देश्य है। नई नीति में रोजगार का सृजन करना तथा दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हेतु उपयुक्त वातावरण तैयार कर अवस्थापना सुविधाओं का विकास, पूंजी निवेश एवं तकनीकी उन्नयन का प्रोत्साहन, मानव संसाधन विकास, बाजार विकास, अनुसंधान एवं विकास प्रोत्साहन, गुणवत्ता एवं प्रमाणीकरण तथा अनुदान, ऋण एवं रियायतें आदि कार्यक्रम सन्निहित है।
श्री बोबड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक दूध उत्पादन वाला राज्य है। इसमें पूंजी निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ी क्षमता है। उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पादन एवं दूध उत्पादों के विनिर्माण के बारे में जागरुकता का प्रसार कर रही है। उन्होंने बताया कि इस नई नीति में दुग्ध जोन का विकास, तकनीकी उन्नयन को प्रोत्साहन, प्रक्रियाओं का सरलीकरण और बाजार विकास को प्राथमिकता के क्षेत्र में शामिल किया गया है।