नई दिल्ली: पिछले मार्च महीने की 9 तारीख को रक्षा राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की छात्राओं के माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण दल को झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। यह दल 21 अप्रैल, 2016 को नेपाल में एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचा।
कर्नल गौरव कार्की के नेतृत्व में अभियान दल 31 मार्च, 2016 को काठमांडू पहुंचा। 10 लड़की कैडेटों को 15 मई से 25 मई 2016 के बीच शिखर पर पहुंचना था। उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने के लिए जीरी से 156 किलोमीटर तक दुर्गम रास्ता तय किया।
अभियान दल को माउंट एवरेस्ट मिशन के लिए कठोर प्रशिक्षण दिया गया है। अप्रैल-मई 2015 में 40 कैडेटों के लिए हिमाचल प्रदेश में मनाली के निकट माउंट देव-तिब्बा (19688 फीट)का पूर्व एवरेस्ट अभियान चलाया गया। प्रदर्शन के आधार पर 15 कैडेट अगले चरण के लिए चुने गए। अगस्त, 2015 में यह दल दूसरे पूर्व एवरेस्ट अभियान पर माउंट त्रिशूल (23360 फीट) के लिए रवाना हुआ। इससे 10 लड़की कैडेटों को एवरेस्ट अभियान के लिए चुनने में मदद मिली। इन लड़की कैडेटों ने सियाचीन गलैशियर में महीने भर का प्रशिक्षण लिया।
राष्ट्रीय कैडेट कोर में पर्वतारोहण अभियान का उद्देश्य कैडेटों के चरित्र को मजबूत बनाना तथा साहस, मित्रता, अनुशासन तथा नेतृत्व की भावना विकसित करना है। एनसीसी साहसिक गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रहा है। वर्ष 1961 में दार्जिलिंग में एनसीसी कैडेटों के लिए पहला पर्वतारोहण कोर्स 42 दिन के लिए हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई) दार्जिंलिंग में चलाया गया। प्रत्येक वर्ष एनसीसी 354 लड़के-लड़कियों को एचएमआई दार्जिलिंग, एनआईएम उत्तरकाशी, अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण तथा संबद्ध खेल संस्थान (एबीवीआईएमएएस) मनाली तथा पहलगाम के जेआईएम एंड डब्ल्यूएस में बेसिक पर्वतारोहण कोर्स के लिए चुना जाता है।
एनसीसी में 1970 में पर्वतारोहण अभियान को साहसिक गतिविधि में शामिल किया गया। एनसीसी तब से प्रत्येक वर्ष दो पर्वतारोहण अभियान आयोजित करता है। एक लड़कों और एक लड़की कैडेटों के लिए। अभी तक विभिन्न चोटियों के लिए 70 अभियान दल रवाना हुए हैं।