नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में एनसीडीसी
के 110वें वार्षिक दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान कहा, ‘राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व वाले कई रोगों जैसे कि चेचक, पोलियो, गिनी-कृमि और याज की रोकथाम एवं उन्मूलन में अभूतपूर्व योगदान दिया है।’
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस समारोह के दौरान एनसीडीसी के स्वास्थ्य परिसर (लैब 3) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे। आज जिस पांच मंजिला ‘एल 3 प्रयोगशाला परिसर’ का उद्घाटन किया गया उसमें 22 बीएसएल (जैव सुरक्षा स्तर) II प्रयोगशालाएं हैं। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना से सार्वजनिक स्वास्थ्य के महत्व वाले विभिन्न उभरते रोगों के प्रयोगशाला संबंधी निदान को काफी बढ़ावा मिलेगा। डॉ. हर्षवर्धन ने दूरदर्शी नेतृत्व एवं सतत मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि करिश्माई प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत तपेदिक (टीबी), कुष्ठ रोग, खसरा, मलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों के उन्मूलन का साक्षी बनने जा रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इन बीमारियों के उन्मूलन में एनसीडीसी अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रालय वर्ष 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले ही वर्ष 2025 में भारत तपेदिक का उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. हर्षवर्धन ने ‘निपाह’ को नियंत्रण में रखने में अहम योगदान के लिए एनसीडीसी को बधाई देते हुए कहा कि केरल में फैले निपाह वायरस को अंकुश में रखने के लिए सरकार की निगरानी में हाल ही में विभिन्न सेक्टरों के बीच समुचित तालमेल के साथ किया गया ठोस उपाय भी एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने ‘एईएस’ को नियंत्रण में रखने के लिए बिहार राज्य को आवश्यक सहयोग देने में एनसीडीसी द्वारा निभाई गई भूमिका की भी काफी सराहना की।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एनसीडीसी के छह केन्द्र लखनऊ, रांची, पटना, इम्फाल, दीमापुर और तिरुवन्नतपुरम में जल्द ही स्थापित किए जाएंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि एनसीडीसी अपनी प्रयोगशालाओं के जरिए लोगों को तरह-तरह की उल्लेखनीय सेवाएं मुहैया कराता है और इसके साथ ही यह महामारी विज्ञान,सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता निर्माण, कीटविज्ञान इत्यादि में अपनी ओर से काफी मजबूती प्रदान करता है।