नई दिल्ली: केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों के बेहतर भविष्य के लिए एनसीआर राज्य मिलकर काम करेंगे। श्री पुरी आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) की 38वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, खादी और ग्राम उद्योग मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, कपडा, सूक्ष्म, मझौले और लघु उद्यम (एमएसएमई) तथा उत्तर प्रदेश का एनआरआई विभाग, राजस्थान के शहरी विकास मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शहरी विकास मंत्री श्री सत्येन्द्र जैन, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री पुरी ने कहा कि एनसीआरपीबी देश में क्षेत्रीय विकास के लिए अन्तर्राज्यीय और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का एक अनूठा उदाहरण है। उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ रैपिड रोड़ ट्राजिट सिस्टम और दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉम्प्लेक्स को क्षेत्रीय योजना के संदर्भ में बेहतर परिणाम बताया। उन्होंने एनसीआर में बढ़ते शहरीकरण और इससे जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष ध्यान दिये जाने पर जोर दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने बैठक में एनसीआर क्षेत्र में सूक्ष्म और घरेलू उद्यमों के लिए एक कार्य योजना की रूपरेखा भी जारी की। इसमें सूक्ष्म, मझौले और घरेलू उद्यमों के लिए छोटे तथा तीसरी श्रेणी के शहरों में विकास के लिए विभिन्न तरह के उपाय किये जाने का सुझाव दिया है। श्री पुरी ने एनसीआर के राज्यों से इस कार्य योजना को बेहतर तरीके से लागू करने का अनुरोध किया, ताकि एनसीआर क्षेत्र में छोटे उद्यमों को विकास का पूरा मौका मिल सकें।
बोर्ड की बैठक में एनसीआर में जोड़े गए सात नए जिलों के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 को मंजूरी दी गई। बोर्ड ने इसके साथ ही पटियाला-राजपुरा कॉरिडोर को एनसीआर के काउंटर मैग्नेट एरिया के रूप में मंजूरी दिये जाने के पंजाब सरकार के सुझाव को भी स्वीकार कर लिया।
आवास और शहरी मामलों के सचिव ने जिलों के विकास के लिए बनाई गई योजना को पूरी तरह से लागू करने पर जोर दिया, ताकि इसका लाभ उन क्षेत्रों को भी मिल सके, जो इसके दायरे में नहीं आते है।
बोर्ड ने क्षेत्रीय योजना 2021 की स्थिति तथा क्षेत्रीय योजना 2041 को लागू किये जाने की प्रक्रिया की समीक्षा की और साथ ही एनसीआर राज्यों से अनुरोध किया कि वे इस विस्तृत क्षेत्र में रहने वाले लोगों के विकास के लिए मिलकर काम करें।