आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव की दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली (पी-एमआईएस) परियोजनाओं और ऋण प्रबंधनों की प्रगति की निगरानी में पारदर्शिता और जवाबदेही को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल/मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) के पी-आईएमएस के लॉन्च के अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने एनसीआरपीबी को बधाई दी और कहा कि यह पोर्टल कोविड-19 के दौरान ऐसे समय पर शुरू किया गया है जब प्रौद्योगिकी के उपयोग में बहुत बढ़ोतरी हुई है। इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के अपर सचिव, संयुक्त सचिवएवं वित्तीय सलाहकार, दिल्ली सरकार के अपर मुख्य सचिव तथा एनसीआर के भागीदार राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और एनसीआरपीबी अधिकारी उपस्थित थे।
आवास सचिव,श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि एनसीआरपीबीराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय योजनाओं को मंजूरी देता है और बाजार में बॉन्ड्सजारी करके या द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों से ऋण लेकर सस्ती दरों पर परियोजनाओं का वित्त पोषण करता है। उन्होंने कहा कि 31000 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत की परियोजनाओं में 15000 करोड़ रुपये से भी अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया है।18,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 265 परियोजनाएं पूरी हो गईं हैं, शेष परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा, पी-एमआईएस परियोजनाओं की समीक्षा और प्रबंधन में सरलता लाएगा और नागरिकों को प्रतिक्रिया देने के लिए आवश्यक सूचना और अवसर प्रदान करेगा।
एनसीआरपीबीद्वारा पी-एमआईएसको इन-हाउस विकसित किया गया है और इसे एनआईसी सर्वर पर होस्ट किया गया है। एमआईएस खोज मानदंड पर आधारित परियोजनाओंको छांटने की सुविधा प्रदान करता है:
✓चालू परियोजनाएं
✓पूरी हुई परियोजनाएं
✓सभी परियोजनाएं
✓कीबोर्ड द्वारा खोज
✓दिनांक द्वारा खोज
✓राशि द्वारा खोज
✓राज्य द्वारा खोज
✓चल रहे भुगतान द्वारा खोज
✓ कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा खोज
इससॉफ्टवेयर की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि पी-एमआईएस में प्रत्येक आईए के लिए गारंटी वैधता दिनांकऔर ऋण के मासिक पुन: भुगतान की निधारित तिथि के लिए विभिन्न वित्तीय महत्वपूर्ण घटनाओं की निगरानी हेतु अंतिम गणना करने की अनूठी विशेषता है। इसके अलावा, यह सॉफ्ट फॉर्मेट अर्थात अग्रिम ईमेल में गारंटी के नवीकरण और ऋण के भुगतान करने के लिए भी अलर्ट जारी करता है।
श्री मिश्रा ने बताया कि यह एमआईएस गारंटी की वैधता की गणना करता है और गारंटी की वैधता समाप्त होने से पहले 2/1 महीने3/2/1 सप्ताह 3/2/1 दिन पहले स्वयं नोटिस जारी करता है। सॉफ्टवेयर की एक अन्य विशेषता यह है कि यह गारंटी की उपयुक्तता की जांच करता है और अगर गारंटी आवश्यकता से कम हो जाती है, तो पी-एमआईएस स्वयं मेल जारी करता है और एनसीआरपीबी के वित्त अधिकारी को सूचित करता है तथा आईए को आवश्यक गारंटी जमा करने के बारे में भी सूचित करता है।
क्लीयरेंसकार्यविधि के बारे में श्री मिश्रा ने कहा कि आईए को परियोजना की स्थिति और विवरण और जियो टैग तस्वीरों के साथ—साथ सभी उपलब्धियों का ब्यौरा देना होगा। उन्होंने आईए से देरी का कारण बताने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लंबित स्वीकृतियोंऔर क्लीयरेंसपर आईए से विशेष जानकारी मांगी जाती है जिनके कारण परियोजना में देरी होती है। एनसीआरपीबी को इन मंजूरियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, खासकर यदि वे राज्य से बाहर की एजेंसियों से हैं।
आवास एवं शहरी मामलों के सचिव ने बताया कि डाटा की प्रमाणिकता सुनिश्चित की गई है और एक बार दर्ज किए गए डेटा को संशोधित नहीं किया जा सकता है। एनसीआरपीबी के एफएओ भीनिदेशक (ए एंड एफ) के अनुमोदन के बादहीसंशोधन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में स्वीकृत आदेश और गारंटियां अपलोड की गई हैं, जो चुनिंदा उपयोगकर्ताओं को उन्हें दिए गए देखने के आदेशों के अनुसार दिखाई देंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि एनसीआर राज्यों में भाग लेने वाली सभी कार्यान्वयन एजेंसियों (आईए) को लॉगिन–आईडी और पासवर्ड दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को परियोजनाओं को बनाए रखने और देखने और उनकी परियोजनाओं से संबंधित जानकारी को देखने के लिए क्रमबद्ध अधिकार दिए गए हैं।
श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने पिछले दो महीने से सफलतापूर्वक आईए को अग्रिम रूप से मासिक भुगतान की सूचना जारी करने के लिए पी–एमआईएस का उपयोग करने के लिए एनसीआरपीबी की सराहना की। उन्होंने सभी आईए से अनुरोध किया कि वे अपनी परियोजनाओं के डेटा को अपडेट करें। इससे ऋणों के समय पर संवितरण, विभिन्न मंजूरियों की निगरानी और समाधान और परियोजना को पूरा करने में मदद मिलेगी।