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एनसीडब्ल्यू ने 6 राज्यों की महिला विधायकों के लिए जेंडर रिस्पॉन्सिव गवर्नेंस पर कार्यशाला आयोजित की

देश-विदेश

राष्ट्रीय महिला आयोग ने हर स्तर पर महिला प्रतिनिधियों के नेतृत्व कौशल में सुधार के लिए आयोग के अखिल भारतीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम ‘शी इज ए चेंजमेकर’ परियोजना के तहत छह राज्यों के निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (विधायकों) के लिए लैंगिक जिम्मेदार शासन (जेंडर रिस्पॉन्सिव गवर्नेंस) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।

उद्घाटन समारोह में तेलंगाना की राज्यपाल और पुदुचेरी के उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा सुश्री रेखा शर्मा और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) की उप निदेशक दिशा पन्नू भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

अपने उद्घाटन भाषण में राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने अपने बहुमूल्य अनुभवों से महिला विधायकों को प्रेरित किया और राष्ट्र तथा जनता के प्रति उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने एक होममेकर से लेकर चेंजमेकर बनने तक का लंबा सफर तय किया है और हालांकि यह कोई आसान काम नहीं है लेकिन महिलाओं ने देश और मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जन प्रतिनिधि बनना कोई आसान काम नहीं है और चाहे कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों, लेकिन महिलाओं को अपनी कड़ी मेहनत में विश्वास होना चाहिए और निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए और इससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों को मजबूत महिलाओं के साथ रहने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

अपना उद्घाटन भाषण देते हुए, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि कार्यशाला की अवधारणा और विकास महिला नेताओं के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि हर महिला नेता होती है और उन्हें बस अपने कौशल को निखारने की जरूरत है।

उदयपुर, राजस्थान में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय लिंग एवं बाल केंद्र, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के सहयोग से किया गया है। कार्यशाला के दौरान, महिला विधायकों को ‘प्रभावी नेतृत्व’, ‘समावेशी शासन’, ‘लिंग आधारित हिंसा को समझना, ‘लैंगिक संवेदनशीलता और समावेशी संचार’, ‘विधायी परंपराओं को मजबूत करना’ और ‘डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया प्रशिक्षण, आदि जैसे विभिन्न सत्रों में लिंग-उत्तरदायी शासन पर प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यशाला में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा राज्यों के 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को उनकी पहचान की गई क्षमताओं के निर्माण के लिए जागरूक करना और उनकी सहायता करना और आत्म-जागरूकता के स्तर को इस तरह से बढ़ाना जिससे कि उन्हें आगे के विभिन्न और चुनौतीपूर्ण चीजों के प्रबंधन में समग्र रूप से मदद मिलेगी।

‘शी इज ए चेंजमेकर’ परियोजना के तहत, आयोग ने क्षेत्रवार प्रशिक्षण संस्थानों के सहयोग से महिला प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य उनके निर्णय लेने, संवाद कौशल, प्रभावी प्रबंधन आदि में सुधार करना है।

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