नई दिल्ली: केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने कहा है कि एनडीए सरकार ने किसानों की सुविधा हेतु उर्वरक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की हैं। श्री गौड़ा ने कहा कि कृषि उत्पादकता को बनाए रखने के लिए उर्वरक पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग के सम्बन्ध में ज्ञान का प्रसार करने और उर्वरक उपयोग के क्षेत्र में हुए नए विकास के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए, उर्वरक विभाग, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग तथा कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से किसानों के लिए उर्वरक उपयोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है।
श्री गौड़ा ने आगे कहा कि उर्वरक और उर्वरक प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, उर्वरक विभाग के तहत केंद्रीय लोक उद्यमों (सीपीएसई) ने एक अलग थिंक टैंक निकाय का गठन किया है, जिसका नाम है – “भारतीय उर्वरक और उर्वरक प्रौद्योगिकी अनुसंधान परिषद” (आईसीएफएफटीआर)। परिषद को 19 अगस्त 2019 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया है। परिषद उर्वरक और उर्वरक विनिर्माण प्रौद्योगिकी, उत्पादों के लिए कच्चे माल के उपयोग और नवाचार के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास तथा शोध कार्य करेगी व प्रोत्साहन देगी तथा इसके लिए विभिन्न अनुसंधान संस्थानों, उर्वरक उद्योग जगत और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग/साझेदारी करेगी। अब तक, परिषद की आम बैठक दो बार हुई है और कार्यकारी समिति ने तीन बैठकें की हैं।