नई दिल्ली: केंद्रीय गृहराज्य मंत्री श्री किशन रेड्डी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 15वें स्थापना दिवस का उद्घाटन किया। इस वर्ष के स्थापना दिवस का विषय ‘अग्नि सुरक्षा’ है।
दिनभर के आयोजन के दौरान, तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनका विवरण इस प्रकार हैं:
प्रथम सत्र में भारत में अग्नि जोखिम और देश में अग्नि सुरक्षा प्रबंधन पर उभरते हुए मुद्दों जैसे रेल अग्नि, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन और गोदामों में लगने वाली अग्नि के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र के दौरान, वनों में लगने वाली आग से संबंधित विषयों- वन की आग के कारक और प्रबंधन एवं उनका ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के साथ संबंध से जुड़े मुद्दों पर प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। औद्योगिक क्षेत्रों में लगने वाली आग के विभिन्न पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।
द्वितीय सत्र में आग से संबंधित घटनाओं को रोकने और इन्हें कम करने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा हुई। इस सत्र के दौरान, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में आग के जोखिम को कम करने के लिए प्रस्तुतियां दी गई।
तृतीय सत्र में अग्निशमन संस्थानों से जुड़ी चुनौतियों और देश में अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता से जुड़े पहलुओं और उनके त्वरित विकास की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करते हुए प्रस्तुतियां दी गई।
कार्यक्रम के दौरान, देश में आपदा जोखिम में कमी के लिए एनडीएमए द्वारा तैयार किए गए कई राष्ट्रीय दिशानिर्देशों और रिपोर्टों को भी जारी किया गया, जिनमें समावेशी आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश शामिल थे। भारत समावेशी आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। प्राधिकरण ने भारतीय सांकेतिक भाषा के साथ आपदा से बचने के उपायों पर वीडियो की एक श्रृंखला भी जारी की है।
जारी किए गए अन्य प्रकाशनों में भूकंप और चक्रवात से घरों को सुरक्षित करने के लिए गृहस्वामी निर्देशिका, राष्ट्रीय भू-स्खलन जोखिम प्रबंधन रणनीति, आपदा प्रभावित घरों के लिए अस्थायी आश्रय, क्या करें क्या न करें पर पॉकेट पुस्तिका, गाजा साइक्लोन 2018 पर अध्ययन रिपोर्ट, हीट वेव थ्रेशोल्ड एस्टीमेशन स्टडी और भूकंप आपदा जोखिम सूचकांक शामिल हैं।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्र ने कहा कि अग्नि से निपटने की तैयारी के लिए सभी प्रासंगिक हितधारकों को राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय और सामुदायिक स्तर तक साथ आने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को अग्निशमन सेवाओं के साथ सहयोग करना चाहिए और प्रतिक्रिया समय को कम करने और प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए अपने स्थानीय संदर्भों के अनुकूल सर्वोत्तम समाधानों का सुझाव देना चाहिए।