नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) नई दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। आज से प्रारंभ पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हवाई अड्डों पर सीबीआरएन आपात स्थितियों से निपटने में एयरपोर्ट इमरजेंसी हैंडलर्स (एईएच) की तैयारियों में वृद्धि करना है।
सीबीआरएन आपात स्थिति रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी तथा परमाणु सामग्री के उपयोग से होने वाले खतरों से संबंधित होती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई), परमाणु औषधि तथा संबंद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहयोग से चलाया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन एनडीएमए के सदस्य डॉ डी.एन. शर्मा ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सीबीआरएन आपात स्थितियों से निपटने में विशेषज्ञता संपन्न कौशल तथा प्रयासों की आवश्यकता होती है। वास्तव में सीबीआरएन से जुड़ी एक छोटी सी घटना हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों में घबराहट का कारण बन सकती है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसी तरह की सीबीआरएन की आपात स्थिति से निपटने में एईएच को सक्षम बनाकर हवाई अड्डों पर सीबीआरएन सुरक्षा में सुधार लायेगा।
इस कार्यक्रम में व्याख्यान तथा फील्ड प्रशिक्षण को शामिल किया गया है। इसमें निजि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग सहित आपात स्थिति का पता लगाने और उस पर काबू पाने का लाईव प्रदर्शन शामिल है। सीबीआरएन आपात स्थिति से निपटने में एईएच को लैस बनाने के अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें प्रथम चिकित्सा सहायता और प्रारंभिक मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समर्थन प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वालों को परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी), आईएनएमएएस, एनडीआरएफ, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य तथा स्नायु विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) तथा भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान सीबीआरएन औद्योगों के प्रतिनिधि अपने-अपने उत्पाद दिखाएंगे।
यह कार्यक्रम श्रृंखला का 12वां कार्यक्रम है। अभी तक चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, वाराणसी, पटना, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, रायपुर, बंगलुरू तथा तिरूअनंतपुरम में 11 बैच प्रशिक्षित किये गये हैं।