लखनऊ: प्रदेश के श्रम विभाग ने बाल श्रम उन्मूलन के प्रति आम जनमानस को जागरूक करने के लिए यूनीसेफ के सहयोग से तैयार की गई कम्यूनिकेशन स्ट्रैटजी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वेबीनाॅर का आयोजन किया। इसमें श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ यूनीसेफ, एनसीसीडी, शिक्षा विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए श्रम विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस अभियान में नवयुवकों को जोड़ना जरूरी है। नवयुवक बदलाव ला सकते हैं। बाल श्रम को रोकने के लिए घर-घर सर्वे हो और अन्य प्रदेशों को बाल श्रमिकों के पलायन पर भी रोक लगे। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी से समय पर प्रर्वतन नहीं हो पाता, इससे बाल श्रमिकों को मौके पर पकड़ना मुश्किल हो जाता है। बाल श्रम उन्मूलन के लिए समाज में प्रिन्ट, आडियो-वीडियो व अन्य साधनों के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न कर इसे समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा भी सभी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को पत्र प्रेषित किया गया है।
यूनीसेफ की सुश्री स्वाती श्रीवास्तव ने इस दौरान प्रदेश से बाल श्रम के उन्मूलन, पुनर्वासन एवं शिक्षा पर केन्द्रित 08 थीम पर आधारित प्रजेन्टेशन का प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने मार्च 2021 तक कोविड-19 के दौरान बाल श्रम उन्मूलन, शिक्षा तथा पुनर्वासन के लिए अपनायी जाने वाली रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिले, जिससे इनके बच्चे बाल श्रम के दलदल में न फंसे। शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है। गरीब बच्चों तक शिक्षा की पहुंच को आसान बनाने के भी प्रयास हों। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बाल मजदूरी अवैध है। 14-18 वर्ष के बच्चों को खतरनाक व्यवसाय में कार्य कराना गैरकानूनी है। प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित बचपन का अधिकार है और वयस्क की जिम्मेदारी है कि उन्हें इस अधिकार से वंचित न करें। इसके लिए सभी को सामाजिक, कानूनी और नीतिगत रूप से मिलकर कार्य करना होगा। यूनीसेफ की डा0 हेलेन आर0 सेकर ने कहा कि सभी का दायित्व हो कि बंधुआ मजदूरी एवं बाल श्रम प्रदेश में रूके और इन बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि यूनीसेफ बहुत ही समर्पण के साथ पूरे विश्व में गरीब बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रहा है।
प्रोफेसर सुधांशु राय तथा अरसद ने भी वेबीनाॅर में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि बगैर शिक्षा के बच्चे आगे नहीं बढ़ सकते। प्रत्येक बच्चे का स्कूल जाना जरूरी है। परिवार को इसकी जिम्मेदारी निभानी होगी। बाल मजदूरी के प्रति समाज को संवेदनशील होना होगा। उन्होंने कहा कि निर्धनता बाल श्रम का मूल कारण है। शिक्षा को गरीबों तक पहुंचाने के लिए यूथ मित्र अभियानों, एनजीओ, सामाजिक संगठनों का सहयोग लिया जा सकता है।
कार्यक्रम में अपर श्रमायुक्त श्री मधुर सिंह व श्री सरजूराम, उप श्रमायुक्त श्री शक्ति मौर्य, उप निदेशक श्री अंजुम नकवी, सहायक श्रमायुक्त श्री रवि श्रीवास्तव, सैयद रिजवान अली एवं श्री आफताब मोहम्मद ने प्रतिभाग किया।