नई दिल्लीः केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने पंजीकरण बढ़ाने के लिए विशेष अभियान और सभी भवन और अन्य निर्माण (बीओसी) श्रमिकों को उनके उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए कल्याणकारी लाभ प्रदान करने की व्यवस्था को विवेक संगत बनाने की आवश्यकता जताई है। श्री गंगवार ने भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है कि निर्माण और भवन क्षेत्र में कार्य कर रहे 5 करोड़ से अधिक श्रमिकों में से अब तक केवल 2 करोड़ 86 लाख श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है।
श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राज्यों के पास अनुपयोगी पड़ी उपकर निधि पर चिंता प्रकट की है और सभी बीओसी श्रमिकों के पंजीकरण तथा उनके कल्याण के लिए निधि का पूरा उपयोग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने स्वास्थ्य, पेंशन, सुरक्षा जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ वाली आदर्श योजनाएं बनाने और सभी राज्यों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के मानकीकरण के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया है। यह सभी बातें भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों (रोजगार नियमन तथा सेवा शर्ते) अधिनियम, 1996 और भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 में समाहित की गई हैं। उन्होंने राज्यों तथा अन्य हितधारकों से अनुरोध किया कि वे भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण के लिए हाल में लांच किए गए राष्ट्रीय पोर्टल का उपयोग करें।
एक दिन वाली आदर्श योजनाएं बनाने सम्मेलन की अध्यक्षता श्रम और रोजगार मंत्री ने की। सम्मेलन में राज्यों के श्रम मंत्री, भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों पर केन्द्रीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष, राज्य कल्याण बोर्डों के अध्यक्ष, केन्द्रीय श्रमिक यूनियनों के प्रतिनिधि, नियोक्ताओं के प्रतिनिधि, सामाजिक साझेदार और राज्यों तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह सम्मेलन निर्माण श्रमिकों की कार्य स्थिति, सुरक्षा तथा कल्याण से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया था।
श्रम और रोजगार सचिव श्री यू.पी. सिंह ने कहा कि यह बात ध्यान में आई है कि अन्य राज्यों से जुड़े भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण को सामान्य रूप से हतोत्साहित किया जाता है और कल्याणकारी लाभ सभी राज्यों में नहीं पहुंचते। यह उपकर निधि के खराब उपयोग का बड़ा कारण हो सकता है।
उन्होंने राज्यों से अधिक से अधिक पंजीकरण, प्रवासी भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण में सहायता तथा उपकर निधि के उपयोग का अनुरोध किया, ताकि अधिनियम में दिए गए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में आवश्यक बताए गए सामाजिक सुरक्षा लाभों को सुनिश्चित किया जा सके।
भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिक भारत के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में सर्वाधिक कमजोर हैं।
सम्मेलन में भवन तथा अन्य निर्माण श्रमिकों को मानक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए आदर्श कल्याण योजना का मसौदा तैयार करने के लिए राज्यों तथा अन्य हितधारकों के प्रतिनिधित्व वाली समिति बनाने का निर्णय लिया गया।