नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने देश में एक समान विकास सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण व शहरी भारत की बीच की खाई पाटने तथा विकास के लिए ग्रामीण भारत पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
उपराष्ट्रपति आज नई दिल्ली में नवाचार और गवर्नेंस पर डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गवर्नेंस में कलाम नवाचार पुरस्कार 2019 प्रदान किया। श्री नायडू ने कहा कि सामाजिक स्थिति को देखे बिना सभी को समान संसाधन स्वास्थ्य सुविधा तथा शिक्षा प्रदान करने से खाई पाटने में देश को मदद मिलेगी। उन्होंने युवा पीढ़ी से शोध करने तथा नये विचारों तथा नवाचारों से देश की विकास गाथा में योगदान करने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक रूप से स्पर्धी देश के लिए आत्म निर्भरता हासिल करने में प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम एक साथ सतत प्रयास से नये भारत के सपने को साकार कर सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने शासन संचालन और कार्य प्रदर्शन को वास्तविक प्रगति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि विचारों को सार्थक वास्तविकताओं में बदलने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के नाम से उस भारत का विजन झलकता है जो विकास की राह पर चलते हुए विश्व समुदाय में अपना स्थान बनाने में अपनी बौद्धिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पूंजी का उपयोग कर रहा है।
उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिक समुदाय, शोधकर्ता तथा नवाचार में शामिल लोगों से किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए विज्ञान, टेक्नोलॉजी तथा नवाचार का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क़षि पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर होती है। उन्होंने कहा कि देश की 60 प्रतिशत आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में श्रेष्ठ विचारों और नवाचार को लागू करना महत्वपूर्ण चुनौती है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने 75 नई कलाम डिजिटल पुस्तकालयों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षामंत्रालय में डीजीडीआईए तथा डीसीआईसीएस इंटेलीजेंस ले. जनरल अमरजीत सिंह बेदी, गोवा के कला और संस्कृति जनजातीय कार्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद गौड़े, गुजरात के मुख्य सचिव डॉ. जगदीप नारायण सिंह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।