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अनुसूचित जातियों पर अत्‍याचार रोके जाने चाहिए: थावरचंद गहलोत

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुसूचित जातियों पर अत्‍याचार की घटनाओं के मामले में सख्‍ती से निपटने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना चहिए कि अपराधी को कानून के हवाले किया जाए और पीडि़त को उचित मुआवजा मिले। श्री गहलोत आज यहां राज्‍यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सामाजिक न्‍याय विभाग के प्रधान सचिवों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

श्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने पीओए अधिनियम में संशोधन किया है। इस संशोधन से कठोर सजा की व्‍यवस्‍था हुई है और पीडि़तों को दी जाने वाली राहत राशि भी बढ़ाई गई है। उन्‍होंने कहा कि हाल में हमने पीओए नियमों में संशोधन को अधिसूचित किया है। उन्‍होंने राज्‍यों से इस अधिनियम को पूरी तरह लागू करने का आग्रह किया ताकि अनुसूचित जाति के लोगों पर होने वाले अत्‍याचार रोके जा सकें। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों को पीओए अधिनियम के संशोधित प्रावधानों को तेजी से लागू करना चाहिए और इन प्रावधानों के बारे में पुलिस तथा अन्‍य अधिकारियों को संवेदी बनाया जाना चाहिए।

      सिर पर मैला ढोने की प्रथा पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि युद्ध स्‍तर पर इसका उन्‍मूलन करना होगा। उन्‍होंने राज्‍यों से इस अमानवीय प्रथा को प्राथमिकता के आधार पर समाप्‍त करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

      सामाजिक न्‍याय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की शैक्षित, आर्थिक तथा समाजिक अधिकारिता के लिए विभिन्‍न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं में छात्रवृत्ति योजनाएं भी शामिल हैं और योजनाओं का कवरेज व्‍यापक है। उन्‍होंने योजनाओं को कारगर ढंग से लागू करने के लिए केंद्र और राज्‍यों को एक साथ मिलकर काम करने को कहा।

      अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण पर बल देते हुए श्री गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जातियों, अन्‍य पिछड़े वर्गों तथा डीएनटी के युवाओं को छात्रवृत्ति उनके मंत्रालय का अग्रणी कार्यक्रम है।

      प्रधानमंत्री आदर्शन ग्राम योजना की चर्चा करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि इसे उन गांवों के एकीकृत विकास के लिए लागू किया जा रहा है जिन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।

      श्री थावरचंद गहलोत ने गैर अधिसूचित, खानाबदोश और अर्द्धघुमंतू जनजाति आयोग (डीएनटी) द्वारा तैयार रिपोर्ट भी जारी की। इस अवसर पर डीएनटी के अध्‍यक्ष श्री बीकू रामजी इदाते भी उपस्थित थे। एक दिन के सम्‍मेलन में अनुसूचित जातियों तथा अन्‍य पिछड़े वर्गों के विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई।

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