लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ प्रदेश में संचालित समस्त योजनाओं में आवंटित बजट का अधिक से अधिक व्यय सुनिश्चित करते हुये तत्काल उपभोग प्रमाण-पत्र प्रेशित किया जाए। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं परम्परागत कृषि विकास योजना की वित्तीय प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये गहरी नाराजगी जाहिर की और तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसानों के हितार्थ चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें प्रत्येक दशा में अनुमन्य हो, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत वर्षा जल संचयन हेतु खेत तालाब एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली योजना की समीक्षा करते हुये अब तक निर्मित एवं निर्माणाधीन खेत तालाब तथा स्प्रिंकलर सेट वितरण का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही आज कृषि निदेशालय स्थित सभागार में भारत सरकार एवं राज्य सरकार की कृषि योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री ने आर0के0वी0वाई0 योजनाओं के अन्तर्गत किसान कल्याण केन्द्र तथा अन्य निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुये निर्देषित किया कि संबंधित योजनाओं के योजनाधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर कार्यो की प्रगति की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने यह भी निर्देषित किया कि जिन योजनाओं के कार्य मदों में यदि किसी जनपद में प्रगति नहीं हो पा रही है तथा अन्य किसी जनपद में अच्छी प्रगति हो रही है और उनकी मांग हो तो कम प्रगति वाले जनपद से धनराषि अधिग्रहित कर मांग वाले जनपद में तत्काल स्थानान्तरित कर दी जाये, जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके एवं धन का सदुपयोग हो सके।
कृषि रक्षा रसायन की उपलब्धता की समीक्षा में कृषि मंत्री को अवगत कराया गया कि शासनादेश में जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय की व्यवस्था हो जाने के कारण कृषि रक्षा रसायनों के क्रय में कठिनाई आ रही है। श्री शाही ने कृषि रक्षा रसायनों की अनुपलब्धता पर नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि कृषि रक्षा रसायनों की अनुपलब्धता के कारण आगामी खरीफ 2020-21 की फसल में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जेम पोर्टल के माध्यम से कृषि रक्षा रसायनों के क्रय में आ रही कठिनाई का उल्लेख करते हुये एक प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाये। षोध एवं मृदा सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा में कृषि मंत्री ने निर्देश दिये कि लैब संबंधी संयंत्रों को यथाशीघ्र स्थापित कराया जाए, जिससे कि वे कार्य करने के लिये सक्षम बन सके।
जैविक खेती कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि लक्ष्य की पूर्ति षीघ्र सुनिष्चित की जाए तथा वर्मी कम्पोस्ट योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु लाभार्थी कृशकों को वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप कम्पोस्ट आदि योजना के लाभों से अवगत कराने के लिए कृशि विज्ञान केन्द्रों के सहयोग से प्रषिक्षण भी आयोजित कराए जाएं। श्री शाही ने विभाग के सभी कार्यो एवं योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इस वर्श कम से कम विभाग द्वारा किसानों के हितार्थ योजनाआंे मे 25000 करोड़ रूपये का व्यय कराने के लक्ष्य की पूर्ति सुनिष्चित की जाए।
कृषि मंत्री ने अभी तक की प्रगति को संतोशजनक नहीं पाया और निर्देश दिये कि समस्त योजनाधिकारी अपनी-अपनी योजनाओं की प्रगति की जनपदवार नियमित समीक्षा करते रहे, जिससे कि योजनाओं में अपेक्षानुसार प्रगति हो सके और किसानों को लाभ मिल सके। बैठक में श्री शाही को बताया गया कि विभाग में अधिकांश पद रिक्त चल रहे हैं और अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर कृषि मंत्री ने रिक्त पदों का ब्यौरा तैयार कर भर्ती हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में कृषि राज्य मंत्री, श्री लाखन सिंह राजपूत, प्रमुख सचिव कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद, कृषि निदेशक, श्री सोराज सिंह, निदेशक (सांख्यिकी) श्री विनोद सिंह, प्रबंध निदेशक उ0प्र0 बीज विकास निगम, श्री राम शब्द जैसवारा व अपर कृषि निदेशक, श्री वी0पी0 सिंह सहित समस्त संयुक्त निदेशक उपस्थित थे।