लखनऊः प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हंै कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। जिससे पात्र लाभार्थियों को समय से इसका समुचित लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नही की जाएगी। कार्यों की प्रगति में तेजी लाकर तय लक्ष्य को समय से पूरा करें।
समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री आज गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं के प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहें थे। बैठक के दौरान श्री शास्त्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22,780 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। गरीब लोगों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के 12 हजार निर्धन व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत 51,21,454 वृद्धजनों को लाभान्वित किया गया। अभ्युदय योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5128 छात्रों को लाभान्वित किया गया। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,50,959 परिवारों को आर्थिक सहायता दी गयी। वर्ष 2020-21 में अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के 23,592 व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। राष्ट्रीय आश्रम पद्धत्ति विद्यालयों का संचालन के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 33,388 छात्रों को शिक्षा प्रदान की गयी। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि छात्रवृत्ति वितरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,18,153 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया। समीक्षा के दौरान मंत्री श्री शास्त्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 250 करोड़, गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना 150 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन में 3600 करोड़, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में 500 करोड़, अत्याचार से प्रभावित अनु0 जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता के लिए 275 करोड़, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन हेतु 250.76 करोड़, अभ्युदय योजना में 20 करोड़, प्राविधानित है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री के0रवीन्द्र नायक ने भी बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का अत्याचार उत्पीड़न के मामलों का भुगतान 15 दिनों के अन्दर किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान बेघर हुए वृद्धजनों को जनपद स्तर पर समुचित सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। इसके लिए जनपद में समाज कल्याण अधिकारी से भी सम्पर्क किया जाए। श्री नायक ने निर्देश दिया कि जो भी अधिकारी पात्र बच्चों को समुचित लाभ नही दे पा रहें है उनकी भी जिम्मेदारी सुनिश्चत की जाए। बैठक में निदेशक समाज कल्याण श्री राकेश कुमार व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहें।