देहरादून: रविवार को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर उत्तराखण्ड व नेपाल के आपसी हितों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया। वार्ता में श्री देउबा व सीएम श्री रावत ने कहा कि पंचेश्वर बांध परियोजना से नेपाल व भारत दोनों ही देशों के लोग लाभान्वित होंगे। इससे अपेक्षाकृत कम आबादी प्रभावित हो रही है, जबकि इसके लाभ व्यापक हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री देउबा ने पूर्णागिरी(जनपद चम्पावत) के समीप शारदा पर पुल बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह पुल नेपाल के डाडेलधूरा जिले के परशुराम क्षेत्र को उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले के पूर्णागिरी क्षेत्र से जोड़ेगा। इससे दोनों ओर के लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इसका प्रस्ताव तैयार करेगी। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड व नेपाल में सदियों से सांस्कृतिक रिश्ता रहा है। दोनों तरफ अधिक से अधिक आवाजाही की सुविधाएं दी जानी चाहिए। श्री देउबा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत का नाम नेपाल में बड़े आदर से लिया जाता है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रयासरत है कि उत्तराखण्ड व नेपाल के प्रमुख स्थानों के बीच सीधी बस सेवा प्रारम्भ हो सके। आपसी विचार विमर्श में नेपाल में भूकम्प से हुए नुकसान पर चर्चा की गई। श्री देउबा ने कहा कि संकट की घड़ी में भारत केलोग बढ-चढ़कर नेपाल की सहायता के लिए आगे आए। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड की भूगर्भीय स्थिति नेपाल के समान ही है। उत्तराखण्ड भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी प्राथमिक विद्यालयों के भवनों को भूकम्परोधी बनाया जा सके। उन्होंने कांवड़ मेले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 3 करोड़ कांवड़ आना सम्भावित है। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने लोगों के लिए प्रशासनिक व अन्य व्यवस्थाएं करना चुनौति की तरह होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्री देउबा को हरिद्वार में अर्धकुम्भ में आने के लिए भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर श्री देउबा की धर्मपत्नी डा.(श्रीमती) आरजू (ARZU) राणा देउबा भी उपस्थित थीं।