नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री श्री सुशील कुमार कोइराला ने आज सुबह टेलीफोन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की। श्री कोइराला ने अप्रैल और मई 2015 में आए भूकम्पों के बाद नेपाल सरकार की ओर से पुनर्वास एवं पुनर्निमाण कार्यों के बारे में श्री मोदी को अवगत कराया।
श्री कोइराला ने नेपाल सरकार की ओर से काठमांडू में 25 जून, 2015 को आयोजित की जाने वाली पहली डोनर्स कान्फ्रेंस को सम्बोधित करने तथा नेपाल यात्रा पर आने का श्री मोदी को निमन्त्रण भी दिया। प्रधानमंत्री कोइराला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के लिए व्यक्तिगत आमंत्रण को लेकर उन्होंने वित्त मंत्री श्री राम चन्द्र महत को दिल्ली भेजा है।
प्रधानमंत्री कोइराला ने श्री मोदी को संविधान का मसौदा तैयार करने तथा हाल ही में अन्य राजनीतिक घटनाक्रमों से भी अवगत कराया। उन्होंने बांग्लादेश की सफल यात्रा के लिए श्री मोदी को बधाई देते हुए इसे ”पड़ौसी पहले की नीति” का करार दिया तथा यह भी कहा कि पड़ौसी देशों के साथ सम्बन्धों को मजबूत करने की यह भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने ढाका में हुए ऐतिहासिक समझौतों के लिए श्री मोदी को बधाई दी और भूटान, बांग्लादेश, नेपाल और भारत के बीच उप-क्षेत्रीय सम्पर्कों के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के समर्थन का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूकम्प से तबाह हुए नेपाल में पुनर्निर्माण एंव पुनर्वास प्रयासों में भारत की ओर से हर प्रकार के समर्थन को दोहराया। इसमें नेपाल सरकार की प्राथमिकताओं पर ध्यान देने की बात कही गई है। उन्होंने श्री कोइराला को यह आश्वासन भी दिया कि भारत इस सम्बन्ध में नेपाल के सभी निर्णयों का सम्मान करेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि समानता और मैत्री की भावना को लेकर भारत का शुरू से ही मानवतावादी दृष्टिकोण रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने काठमांडू में आयोजित की जाने वाली डोनर्स कान्फ्रेंस के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की तथा निमन्त्रण के लिए श्री कोइराला को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर व्यस्त कार्यक्रम से उन्हें फुरसत मिली तो वह इसमें जरूर हिस्सा लेंगे। श्री मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि हर स्थिति में भारत की ओर से एक मंत्री स्तरीय उच्च प्रतिनिधिमंडल इसमें शिरकत करेगा।
प्रधानमंत्री ने संविधान का मसौदा तैयार करने की राजनीतिक प्रक्रिया की प्रगति की सराहना की और शांति वार्ता के सफल समापन तथा संविधान को अंगीकार करने के लिए अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने दोहराया कि नेपाल के लोगों की प्रगति, शांति और सफलता ही भारत की एकमात्र इच्छा रही है।
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