नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को एक लिफ्ट मे उस समय फंस गए जब वो अर्धसैनिक बल के शौर्य दिवस के मौके पर दक्षिण दिल्ली मे स्थित सीआरपीएफ़ कैंप मे मनाए गए समारोह मे हिस्सा लेने गए थे। लिफ्ट मे फँसने के बाद वे स्टूल पर चढ़कर दीवार फांद कर बाहर निकले। इस बात का जिक्र उन्होने इस समारोह मे उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए किया। उन्होने बताया कि उस दौरान उनके साथ गृह राज्यमंत्री हरीभाई चौधरी, सीआरपीएफ प्रमुख प्रकाश मिश्रा और उनके ओएसडी बीके सिंह मौजूद थे।
समारोह मे इस घटना का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले उन्होने उनके साथ मौजूद लोगों को लिफ्ट से बाहर निकलने दिया और बाद में खुद निकले। उन्होंने बताया कि हम लोग लिफ्ट से आ रहे थे। अचानक लिफ्ट फंस गयी। हमें बाहर निकलने के लिए एक स्टूल पर चढ़ना था। तब मैंने तय किया कि सबसे पहले सीआरपीएफ के डीजी को लिफ्ट से बाहर निकलना चाहिए, तब राज्य मंत्री (चौधरी) और जब सब लोग बाहर निकल गये तब मैं बाहर आया।
गृह मंत्री ने कहा कि मैं यह सब बातें इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आदमी को दूसरों की भलाई को ध्यान में रखते हुये और अच्छी भावना के साथ अपना काम करना चाहिए। गृह मंत्री के लिफ्ट में फंस जाने की घटना के दौरान वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुये लिफ्ट से सबसे पहले गृह मंत्री के ओएसडी बाहर निकले और तब उन्होंने और दूसरे लोगों ने तीन अन्य लोगों को बाहर निकाला।
आपको बता दे कि सीआरपीएफ़ कैंप मे यह लिफ्ट शौर्य परिसर मे स्थित है जो भूलत से पहली मंजिल तक जाने के लिए बनी है। ऑडोटोरियम भी पहली मंजिल पर ही स्थित है। अधिकारियों का कहना है कि गृह मंत्री के लिफ्ट मे फँसने के बाद उनके सुरक्षाकर्मी तनाव मे आ गए थे। गृह मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि घटना के दौरान मौजूद सभी लोग यह जानकार खूब हंसे कि आईटीबीपी के प्रमुख कृष्ण चौधरी सभी अर्धसैनिक बल प्रमुखों में ‘सबसे भारी’ हैं क्योंकि उन्हें लिफ्ट में अगली बारी में चढ़ने के लिए उससे बाहर रहना पड़ा था।
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