नई दिल्ली: मार्च के महीने में हो रही बारिश भारी आफत लेकर आई है। पूरे उत्तर भारत में बेमौसम बारिश की वजह से रबी की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। जगह-जगह पर जोरदार बारिश और बिजली गिरने से 14 लोगों की मौत भी हो गई है। मार्च के महीने में देश के कई शहरों में मौसम का मिजाज बदला है और इस बदले मौसम का सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। कई जगहों पर ओले गिरने की वजह से गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुछ जगहों पर इतने ज्यादा ओले गिरे हैं कि जमीन पर ओलों की परत बिछ गई।
मार्च में हो रही बेमौसम बारिश से हर कोई हैरान है। इसने लोगों को फिर से गरम कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन सबसे बड़ी मार पड़ी है किसानों पर। बारिश ने जैसे उनकी कमर ही तोड़ दी है। इसके अलावा सब्जियों के दाम भी आसमान पर पहुंचने लगे हैं। मार्च के महीने में बेमौसम बारिश का ऐसा नजारा शायद ही कभी देखने को मिला हो। ये बेमौसम बारिश आने वाले वक्त में भारी आफत मचा सकती है।
जम्मू-कश्मीर
जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग समेत पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी लगातार जारी है। पुलवामा के तरल इलाके में बर्फीले तूफान के चलते तीन लोग घायल हो गए। बदले मौसम में कई जगहों पर लैंडस्लाइड के चलते जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद करना पड़ा। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे तक पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों मे बारिश जारी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत दूसरे पहाड़ी राज्यों में भी बारिश और हिमपात जारी है। हिमाचल के किन्नौर समेत कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है। मौसम खराब होने से सड़क मार्गों को बहाल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूस्खलन से 2 लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक 17 मार्च तक मौसम में सुधार होने की उम्मीद है।
राजस्थान
राजस्थान में बेमौसम बारिश और ओले गिरने से किसानों के लिए भारी आफत खड़ी हो गई है। जोधपुर, भीलवाड़ा, नागौर, राजसमंद समेत राज्य के कई इलाकों में फसलों को खासा नुकसान हुआ है। भीलवाड़ा में फसल की बर्बादी देख एक किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई। पिछले 10 दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश ने गेंहू की फसल को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। वहीं कई इलाकों में जीरा, इसबगोल, सरसों समेत कई दूसरी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
मध्य प्रदेश-हरियाणा
मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है। एमपी के रायसेन में बेमौसम बारिश ने गेहूं, चने और मसूर की फसल को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। किसानों के मुताबिक गेंहूं की फसल बस कटने की तैयारी में थी लेकिन बारिश के चलते गेहूं के दाने छोटे रह जाने से उन्हें बड़ा नुकसान होगा। इधर हरियाणा के पलवल में भी कमोबेश किसानों का यही हाल है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात ने प्याज की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। इसका असर आने वाले वक्त में प्याज के दामों पर पड़ सकता है। प्याज की सबसे ज्यादा पैदावार महाराष्ट्र में ही होती है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में और बारिश होगी।
अभी होगी और बारिश
वहीं मौसम का कहना है कि अभी आगे और बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने कुछ दिन और ऐसे ही हालात रहने का अनुमान है। अगले कुछ दिनों में ही मौसम सामान्य होने का अनुमान है।
बढ़ने लगे सब्जियों के दाम
बेमौसम बारिश की वजह से राजधानी दिल्ली समेत देश भर के कई शहरों में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। इसने आम लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। दिल्ली तकरीबन हर सब्जी के दामों में उछाल आया है। प्याज भी 30 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। मटर और टमाटर भी 40 रुपये किलो बिक रहा है।
वहीं, जम्मू में सब्जियों के दाम में एक हफ्ते में काफी अंतर आया है। पिछले हफ्ते जो भिंडी 60 रुपये किलो थी, अब 70 रुपये में बिक रही है। गोभी 20 से उछलकर 30 पर पहुंच गई है, जबकि 25 रुपये बिकने वाला टमाटर और 30 रुपये बिक रहा है। करेला और कड़वा हो गया है। 50 रुपये बिकने वाला करेला 75 का हो गया है। बैगन भी 20 से 30 रुपये किलो हो गया है।
दुकानदार भगवान दास कहते हैं कि सब्जियों के रेट में 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ये सब बाऱिश कीव वजह से हो रहा है। मंडी में ही रेट ज्यादा हैं। ज्यादातर सब्जियां बाहर से आती हैं। सब्जी लेने आईं रक्षा गुप्ता कहती हैं कि मैं सब्जी लेने आई हूं। आज रेट अगर 10 है तो कल 20 होता है। मेरे बजट पर फर्क पड़ रहा है। जो सब्जियां मैं पहले 15 दिन के लिए लेती थी आज 5 दिन के लिए ले रही हूं। मेरा महीने का बजट डगमगा गया है। रमेश कुमार भी कहते हैं कि बारिश की वजह से सब्जियों के रेट बढ़े हैं।
अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
इस बेमौसम बारिश का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। इस बारिश का असर सब्जियों के दामों पर तो दिखने ही लगा है। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है। ये बारिश महंगाई को आसमान पर पहुंचा सकती है। जाहिर तौर पर इससे मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशों को झटका लग सकता है। 2014 लोकसभा चुनाव में महंगाई बड़ा मुद्दा थी।
महाराष्ट्र में प्याज की फसल पर भी इसका असर पड़ना तय है। यहां हुई बारिश ने प्याज की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। प्याज फिलहाल 30 रुपये किलो बिक रहा है। अगर इसके दाम और बढ़े तो हाहाकार तय है। इससे पहले भी जब जब प्याज के दाम बढ़े हैं, इसका असर किचन के बजट पर नजर आया है और इसकी गूंज देशभर में सुनाई पड़ी है। पिछली गर्मियों में प्याज 100 रुपये किलो तक पहुंच गया था। अगर बेमौसम बारिश का कहर जारी रहा तो दोबारा ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं। ये तो सिर्फ प्याज की बात है। दूसरी सब्जियों के दामों में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। यानि आने वाला वक्त ना सिर्फ आम आदमी के लिए बल्कि सरकार के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित होने जा रहा है।