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नई दिल्ली मेें केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चैधरी बिरेन्द्र सिंह से भेंट करते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: नई दिल्ली मेें मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चैधरी बिरेन्द्र सिंह से भेंट कर राज्यहित से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा कर उन पर शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने ग्रामीण सड़क योजना के तहत राज्य की क्षमता बढ़ाकर लगभग रू.1000 करोड़ के अतिरिक्त प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु केन्द्रीय मंत्री श्री चै. बिरेन्द्र सिंह से अनुरोध किया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री चै. बिरेन्द्र सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत अब 2019 तक देश के गांवों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री रावत को आश्वस्त किया कि वे इस सम्बंध में शीघ्र और प्रस्ताव प्रेषित करा दें। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड का कार्य सराहनीय है, इस मद में राज्य की जरूरत के हिसाब से धनराशि उपलब्ध कराने का उन्होंने आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उन्होंने पूर्व में केन्द्रीय मंत्री को भेजे गये पत्रों में अनुरोध किया था कि ग्रामीण आवास योजना के तहत प्रथम किश्त के रूप में केन्द्र सरकार से रुपये 285.467 लाख की धनराशि जारी की किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस योजना के तहत जनपद बागेश्वर, देहरादून और पिथौरागढ़ को चिन्हित किया गया है। इसी प्रकार से जनपद पिथौरागढ़ में प्राकृतिक आपदा से हुए क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुनर्निर्माण हेतु द्वितीय किश्त के रूप में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा रुपये 168.75 लाख जारी किये जाने है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए शीघ्र ही उक्त धनराशि अवमुक्त करायी जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से अनुरोध किया कि पी.एम.जी.एस.वाई योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड को बजट की धनराशि शीघ्र अवमुक्त की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य की 189 योजनाओं की डी.पी.आर. भारत सरकार को भेजी गई है, जिनकी लागत 990 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु 600 करोड़ रुपये धनराशि अवमुक्त की जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी अवगत कराया कि फरवरी, 2016 में भारत सरकार स्तर पर इम्पावर्ड कमेटी द्वारा लगभग 189 योजनाओं की डीपीआर स्वीकृत की गई थी, किन्तु आज तक इन योजनाओं के लिए धनराशि आवंटित नही की गई है, इससे राज्य सरकार को इन योजनाओं पर कार्य करने में कठिनाई हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पी.एम.जी.एस.वाई योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ना है, जिस दिशा में राज्य सरकार त्वरित गति से कार्य कर रही है, किन्तु बजट के अभाव में योजनाएं लंबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत सभी जनपदों में कार्य करते हुए रुपये 490.48 करोड़ खर्च कर चुके है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय मंत्री से मनरेगा के अन्तर्गत 23.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है।

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