नई दिल्ली: पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला (एनडब्ल्यूएनडी-2020) में आज रेडर–एक्स (आरएआईडीईआर-एक्स) नामक एक नए विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का अनावरण किया गया। रेडर-एक्स में एक दूरी से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है। शुद्ध रूप में अनेक विस्फोटकों के साथ-साथ मिलावट वाले विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए सिस्टम में डेटा लाइब्रेरी बनाई जा सकती है। इस डिवाइस के द्वारा छुपाकर रखे गये विस्फोटकों की ढेर का भी पता लगाया जा सकता है। हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर ने मिलकर रेडर-एक्स को विकसित किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने एनडब्ल्यूईडी-2020 का उद्घाटन किया। एचईएमआरएल पुणे द्वारा इसके हीरक जयंती समारोह पर यह दो-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी है। एचईएमआरएल पुणे, डीआरडीओ की एक अग्रणी प्रयोगशाला है। वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेटों तथा उपयोगकर्ताओं को हाल के प्रौद्योगिकीय सुधारों के बारे में ज्ञान, अनुभव तथा नवीनतम जानकारी साझा करने के लिए यह एक मंच प्रदान करता है। इस कार्यशाला से विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइसों के और भी अधिक विकास में मदद मिलेगी।
अपने संबोधन में, डीआरडीओ के अध्यक्ष ने कहा कि विस्फोटकों का पता लगाना समय की अत्यधिक मांग है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां असामाजिक तत्वों के हमलों को विफल करने के लिए खुफिया एजेंसियों की मदद करने के साथ-साथ नाजुक ठिकानों की निरंतर निगरानी कर रही हैं। डॉ. रेड्डी ने हल्के डिवाइसों को विकसित करने में शिक्षाजगत एवं डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों की सराहना की, जिसका सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अब सुरक्षित एवं प्रभावी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, आईआईटी संस्थानों, हाई एनर्जी मैटेरियल उन्नत अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों तथा प्रतिनिधियों के प्रमुख वक्ताओं की मूल बातों को लेकर एक स्मारिका का भी विमोचन किया।
इस कार्यशाला में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, शैक्षिक संस्थानों, उद्योगजगत तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कुल 250 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।