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न्यू फरक्का एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 7 मरे, हादसा, 34 घायल

उत्तर प्रदेश

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हरचंदपुर स्टेशन के निकट बुधवार को 14००3 न्यू फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन के बेपटरी होने से कम से कम सात यात्रियों की मृत्यु हो गयी और 34 से अधिक घायल हो गये।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लखनऊ से 65 किलोमीटर दूर हरचंदपुर स्टेशन के आउटर पर तड़के छह बजकर 5० मिनट पर यह हादसा उस समय हुआ, जब तेज रफ्तार रेलगाड़ी का इंजन और सात डिब्बे एक के बाद एक पटरी से उतरते चले गये। बेपटरी हुए डिब्बों में एक सामान्य बोगी और छह स्लीपर शामिल हैं। हादसे के बाद बचाव और राहत कार्य के लिये एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। सूत्रों ने बताया कि हादसे के लिये प्रथम दृष्टया हरचंदपुर के अस्टिटेंट स्टेशन मास्टर आशीष कुमार को जिम्मेदार मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। हादसे में जान गंवाने वालों में पश्चिम बंगाल की सिलीगुडी निवासी शम्भू (25), सुनीता (28), मालदा जिले की रीता (22), बिहार के किसनपुर निवासी अजय कुर्री (45) और रामहक (52) की पहचान कर ली गयी है। इस हादसे में अब तक सात यात्रियों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि की जा चुकी है, जबकि 34 से अधिक यात्री रायबरेली जिला अस्पताल और लखनऊ के संजय गांधी स्नानाकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद लखनऊ प्रतापगढ रेलमार्ग ठप हो गया है, जिसके चलते गंगा गोमती एक्सप्रेस, लखनऊ प्रयाग इंटरसिटी एक्सप्रेस, प्रतापगढ कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, बरेली प्रयाग पैंसजर ट्रेनो का निरस्त कर दिया गया है, जबकि त्रिवेणी एक्सप्रेस, अमृतसर हावडा एक्सप्रेस, 14265 एवं 14266 जनता एक्सप्रेस, पदमावत एक्सप्रेस, नौचंदी एक्सप्रेस और वाराणसी लखनऊ एक्सप्रेस को बदले हुये मार्ग से चलाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि इंजन के ठीक बाद लगी सामान्य बोगी मे हताहतों की तादाद सर्वाधिक है।

एस-5 से एस-1० बोगियां पटरी से उतरी है, जबकि एस-5 बोगी एस-6 के ऊपर चढ गई। हताहतों को क्षतिग्रस्त बोगी से निकालने के लिये गैस कटर की मदद ली गयी। रेलवे प्रशासन के अनुसार मौके पर मौजूद क्रेन से क्षतिग्रस्त बोगियों को हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है और उम्मीद है कि देर शाम तक इस ट्रैक पर आवागमन बहाल हो जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस रेलदुर्घटना के कारण मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, रेलवे और राष्ट्रीय आपदामोचन बल हरसंभव सहायता मुहैया करा रहे हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने घटना की रेल संरक्षा आयुक्त (उत्तर प्रक्षेत्र)से जांच कराने तथा दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपए और एक लाख रुपए गंभीर रूप से घायलों को तथा मामूली घायलों को 5० हजार रुपए की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की है। श्री गोयल ने ट््वीटर पर कहा कि रायबरेली में हुई रेल दुर्घटना में हताहत और घायलों के परिजनो के साथ गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। मैं राहत कार्य के लिए रेलवे अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में हूँ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रूपये और घायलों को 5०-5० हजार रूपये की आर्थिक मदद का एलान किया है। राज्य सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। लखनऊ और वाराणसी से यहां पहुंचे एनडीआरएफ के दस्ते की मदद के लिये इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवान रेल ट्रैक की जल्द बहाली एवं राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इसके अलावा पुलिस एवं स्वंयसेवी संस्थाओं ने राहत एवं बचाव कार्यो में बढचढ कर हिस्सा लिया।

सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दे दिये है। हालांकि शुरूआती पडताल में यह बात सामने आई है कि कुछ दिन पहले यहां पटरियों की मरम्मत का काम चल रहा था और यह हादसा इसी काम में चूक का कारण हो सकता है। दुर्घटना का एक अन्य कारण स्टेशन मास्टर की सिग्नल और गलत पटरी पर ट्रेन को जाने देने की चूक भी हो सकती है। फिलहाल मामले की जांच के बाद सच सामने आयेगा।

सूबे के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने घटना के पीछे आंतकवादी हरकत से इंकार किया है, हालांकि आतंकवाद निरोधक दस्ते ने मौके का जायजा लिया। घायलों में 16 का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि गंभीर रूप से घायल 18 अन्य को लखनऊ पीजीआई भेजा गया है। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिये एबुंलेंस के अलावा स्कूली वाहनों की भी मदद ली गयी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे के अलावा लखनऊ और वाराणसी के वरिष्ठ रेलवे अधिकारी एवं जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी कैंप कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रेल हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन की हीलाहवाली के चलते मदद पहुंचने में करीब एक घंटे का विलंब हुआ। इससे पहले यात्रियों को बोगियों से निकालने मे ग्रामीण आगे आये। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन से यात्रियों को उतार लिया गया है और छह बसों के माध्यम से करीब 3०० यात्रियों को लोगों को लखनऊ भेजा गया है और लखनऊ से एक विशेष गाड़ी से उन्हें उनके गंतव्य भेजा गया है।

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