देहरादून: उत्तराखण्ड को अपना राज्य गीत मिल गया है। न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में राज्य गीत को लोकार्पित किया गया। हाल ही में केबिनेट द्वारा राज्य गीत को मंजूरी दी गई थी।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य गीत की चयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बटोही, समिति के अन्य सदस्यों, राज्यगीत के गीतकार हेमन्त बिष्ट, गीत को संगीत व स्वर देने वाले नरंेद्र सिंह नेगी व अनुराधा सरस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य गीत में उत्तराखण्ड की संस्कृति, इतिहास, भूगोल व हमारी पहचान का समावेश किया गया है। वस्तुतः यह गागर में सागर भरने जैसा प्रयास है। इसमेें हमारी भाषाओं का आदर करते हुए उत्तराखण्डी भावना को लिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने लगभग 09 मिनट के गीत का संक्षिप्त रूप(2 से 3 मिनट) तैयार करने का आग्रह किया, ताकि औपचारिक समारोही में गीत की प्रस्तुति की जा सके। परंतु इससे गीत की मूल भावना प्रभावित न हो।
राज्य गीत की चयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बटोही ने बताया कि समिति को 203 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी। क्रमबद्ध तरीके से इनकी छंटनी करते हुए समिति ने हेमन्त बिष्ट के गीत पर सर्वसम्मति से सहमति दी। इसमें स्थानीयता एवं संस्कृति को महत्व दिया गया है। एक-एक पैरा गढ़वाली व कुमांऊनी में है। राज्य गीत को संगीत देने हेतु तीन प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिसमें नरेंद्र सिंह नेगी की प्रस्तुति को उपयुक्त पाया गया।
राज्य गीत को संगीत व स्वर देने वाले नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत की अपेक्षानुसार राज्य गीत का संक्षिप्त रूप सम्भवतः इस माह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य गीत चयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बटोही, समिति के सदस्यों, गीतकार हेमंत बिष्ट, नरेंद्र सिंह नेगी को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, मेला संवर्धन व वर्गीकरण समिति के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, सचिव विनोद शर्मा, शैलेश बगोली, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे।