देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखण्ड को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति का भरोसा दिलाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली का आभार व्यक्त किया है। रविवार को मुख्यमंत्री श्री रावत ने न्यू कैंट रोड़ सीएम आवास में मीडिया से वार्ता करते हुए बताया कि नई दिल्ली में अंतर्राज्य परिषद की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया है कि 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों को लागू किए जाने से जहां अन्य राज्यों को लाभ हुआ है वहीं उत्तराखण्ड को नुकसान हुआ है। इस नुकसान की प्रतिपूर्ति किए जाने का कोई तरीका जल्द ही निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि उनके द्वारा अंतर्राज्य परिषद की बैठक में यह बात प्रमुखता से उठाई गई कि 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखण्ड को प्रतिवर्ष लगभग 1800 करोड़ रूपए का विशुद्ध नुकसान हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस बात को न केवल माना बल्कि इस नुकसान की प्रतिपूर्ति का नुकसान निकाले जाने के प्रति भी आश्वस्त किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे इस वित्तीय वर्ष में तो नहीं लेकिन अगले वर्षों में उत्तराखण्ड को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बाह्य सहायतित योजनाओं में आर्थिक सहायता 90:10 के अनुपात में किए जाने का अनुरोध भी पूर्व में केंद्र सरकार से किया गया है जिस पर कि विचार किया जा रहा है। हमने हिमालयी राज्यों को नेशनल इको सर्विस में योगदान के लिए ग्रीन बोनस दिए जाने का मामला भी उठाया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने डाप्लर राडार व सीमांत क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण का मामले पर सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने हमें 400 गांवों के पुनर्वास व विगत में भारी बरसात, बादल फटने व भूस्खलन से हुए 2000 करोड़ रूपए के नुकसान का मेमोरेंडम पृथक से देने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमने बैठक में पुंछी आयोग की संस्तुतियों पर भी अपना पक्ष रखा। पंचायतों में कौनसी प्रणाली होनी चाहिए इसका निर्णय राज्यों पर ही छोड़ा जाना चाहिए। हमने वन व पर्यावरण को संघीय सूची किए जाने की संस्तुति का भी विरोध किया है। इसे समवर्ती सूची में रखा जाना चाहिए। राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या व आपदा में पुलिस के उपयोग को देखते हुए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की बात भी कही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमने पूर्व में ही पर्वतीय क्षेत्रों में ब्राडबैंड कनेक्टीवीटी प्रभावी न होने के कारण सैटैलाईट कनेक्टीवीटी उपलब्ध करवाने का व स्पेक्ट्रम के चार्जेंज को माफ किए जाने का भी अनुरोध किया है।