लखनऊ: प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने नवस्थापित एवं निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कालेजों में चिकित्सा शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बच्चों के लिए माध्यमिक स्तर तक की गुणवत्तायुक्त शिक्षा की व्यवस्था कालेज परिसर अथवा उसके समीप ही किए जाने के निर्देश महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को दिए हैं।इस संबंध में नवस्थापित, स्थापनाधीन मेडिकल कालेज परिसर में अथवा उसके समीप माध्यमिक विद्यालय की स्थापना पी0पी0पी0 माडल पर की जाएगी। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा संबंधित संस्था को 02 एकड़ भूमि पर निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार का दायित्व माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि लीज पर लिए जाने में निहित व्ययभार तक ही सीमित होगा तथा उक्त विद्यालयों के संचालन हेतु आवश्यक संसाधन की व्यवस्था यथा स्कूल का निर्माण, मानव संसाधन, उपकरण, रख-रखाव आदि प्राईवेट पार्टनर के माध्यम से ही कराया जाएगा। यह विद्यालय सी.बी.एस.ई. द्वारा मान्यता प्राप्त पैटर्न पर संचालित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव डा0 पाण्डेय ने बताया कि विषयगत विद्यालयों की स्थापना हेतु पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार के उपरान्त शिक्षा क्षेत्र में ख्यातिलब्ध संस्थाओं एवं इस क्षेत्र में अनुभव रखने वाले संचालकों से प्रस्ताव प्राप्त कर संबंधित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा संस्था के चयन का निर्णय लिया जाएगा। उक्त समिति में संबंधित मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य होंगे।
इस प्रकार स्थापित होने वाले विद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों एवं मेडिकल कालेज के कर्मचारियों के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। इन विद्यालयों में माध्यमिक स्तर (कक्षा 6 से कक्षा 12) तक की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। इन विद्यालयों के लिए भूमि हेतु धनराशि की व्यवस्था चिकित्सा शिक्षा विभाग के बजट में की जाएगी।