देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया है। इसके लिये समेकित प्रयासो के साथ ही उन्होने जन जागरूकता के प्रति ध्यान देने के लिए प्रतिमाह बाल महिला सम्मान दिवस के आयोजन के भी निर्देश दिए। महिला स्वास्थ्य के प्रति एनिमिया एवं लिकोरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम व समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोटीवेशन प्लान तैयार करने, 12 वर्ष से विवाह की उम्र व गर्भावस्था के बाद 3-3 माह के स्वास्थ्य परिक्षण व समुचित उपचार के लिए समय सारणी तय कर इसका कैम्पेन चलाने के निर्देश भी उन्होने दिए।
शनिवार को सचिवालय में एन0एच0एम0 व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि बच्चों व महिलाओं के लिए आवश्यक दवाईओं व पोषण सम्बंधी कीट (Kit) तैयार किये जाएं तथा यह प्रयास किये जाएं कि इसकी पहली कीट प्रत्येक ब्लाॅक के एक गांव में निश्चित रूप से शीघ्र पहुंच जाए। इस प्रकार सभी गांव तक इस कार्यक्रम की पंहुच बनाने के लिए इसे अभियान के रूप में संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि ए0एन0एम0 व आशाओं के साथ ही एन0एच0एम0 कर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए, यदि उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता रहेगा तो स्वास्थ्य सेवाओ का विकास हो सकेगा तथा लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारी होती है जिस वजह से वो अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती। ए0एन0एम0 व आशाओं के माध्यम से उन्हें उचित सलाह व स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाए। उन्होने सभी जिला चिकित्सालयों को सुविधायुक्त बनाने, पीएचसी में फार्मासिस्टों की नियुक्ति, ए0एन0एम0 सेन्टरों में ए0एन0एम0 की नियुक्ति के साथ ही इन केन्द्रों पर भी सुविधा के विकास पर ध्यान देने को कहा। उन्होने आशाओं को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी ध्यान देने को कहा ताकि बाल व महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व मददगार बन सके। उन्होने एन0एच0एम0 कार्मिको की समस्याओं के समाधान के भी निर्देश दिए।
बैठक में सचिव डाॅ0 भूपेन्द्र कौर औलख, अपर सचिव एवं निदेशक एन0एच0एम0 डाॅ0 नीरज खैरवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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