25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के भू-सर्वेक्षण के लिए हवाई एलआईडीएआर सर्वेक्षण तकनीक अपनाई

देश-विदेश

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर  के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के उद‌्देश्य से लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग सर्वेक्षण (एलआईडीएआर) तकनीक का उपयोग करने जा रहा है। इसमें हेलीकॉप्टर में रखे लेसर उपकरण के माध्यम से जमीन का सर्वेक्षण किया जाएगा।

अलायन्मेन्ट (संरेखण) या जमीन का सर्वेक्षण किसी भी रेखीय अवसंरचना परियोजना का महत्वपूर्ण अंग होता है। सर्वेक्षण से अलायन्मेन्ट (संरेखण) के आसपास के क्षेत्र का सटीक विवरण प्राप्त होता है। यह तकनीक शुद्ध आंकड़े जुटाने के लिए लेसर डाटा, जीपीएस डाटा, उड़ान मानदंडों और वास्तविक फोटो का संयुक्त रूप से उपयोग करती है। सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों और जानकारी के आधार पर ऊर्ध्व और क्षैतिज अलायन्मेन्ट (संरेखण) की डिजाइन, संरचनाएं, स्टेशनों और डिपो की स्थिति, कॉरिडोर के लिए जमीन की आवश्यकता, परियोजना से प्रभावित भूखंडों/संरचनाओं, अधिकृत रास्ता आदि का निर्णय लिया जाता है।

भारत में पहली बार किसी रेलवे परियोजना के लिए एलआईडीएआर सर्वेक्षण तकनीक को मूल रूप से इसकी उच्च शुद्धता के कारण मुम्बई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में अपनाया गया। हवाई एलआईडीएआर का उपयोग कर मुम्बई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए जमीन का सर्वेक्षण केवल 12 सप्ताह में पूरा कर लिया गया जबकि परम्परागत सर्वेक्षण पद्धति से इसमें 10-12 महीने का समय लगता।

 डीवीएचएसआर परियोजना के वृहद आकार और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट देने की समय-सीमा के पालन के लिए हवाई एलआईडीएआर तकनीक से जमीन का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। जमीन पर संदर्भ बिंदु चिन्हांकित किए जा चुके हैं और हेलीकॉप्टर पर स्थापित उपकरण के माध्यम से डाटा एकत्र करने का काम 13 दिसम्बर 2020 (मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर) से चरणबद्ध ढंग से शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय से हेलीकॉप्टर की उड़ान के लिए जरूरी अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं और वायुयान तथा उपकरण का निरीक्षण चल रहा है।

प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी एचएसआर अलायन्मेन्ट (संरेखण) के भौगोलिक क्षेत्र में सघन बसाहट वाले नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र, राजमार्ग, सड़कें, घाट, नदियां, हरित क्षेत्र शामिल हैं जिसके कारण यह कार्य और अधिक चुनौतीपूर्ण है।

रेल मंत्रालय ने दिल्ली-वाराणसी एचएसआर कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी एनएचएसआरसीएल को सौंपी है। कॉरिडोर की अनुमानित लम्बाई 800 किलोमीटर है। अलायन्मेन्ट (संरेखण) और स्टेशनों के संबंध में सरकार से परामर्श कर निर्णय लिया जाएगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More