बीते कुछ चुनावों से चले आ रहे मिथक के चलते नगर पालिका बाड़ाहाट में इस चुनाव चिह्न के लिए मारामारी की स्थिति देखने को मिली। यहां निर्वाचन अधिकारी को अध्यक्ष एवं सभासद पदों पर ‘टॉर्च’ सिंबल का आवंटन लॉटरी के माध्यम से करना पड़ा। यहां अध्यक्ष के साथ ही नौ वार्डों में इस सिंबल पर प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
वर्ष 2008 में हुए नगर पालिका उत्तरकाशी के चुनाव में ‘टॉर्च’ चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी भूपेंद्र चौहान ने भाजपा और कांग्रेस को पटखनी देकर जीत हासिल की थी। इससे पिछले चुनाव में भी चौहान इसी सिंबल पर सभासद का चुनाव जीते थे।
यही कारण रहा कि वर्ष 2013 में हुए नगर पालिका चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी जयेंद्री राणा ने इसी सिंबल को अपनाया और भाजपा एवं कांग्रेस के कद्दावर प्रत्याशियों को मात देकर जीत दर्ज की। इस चुनाव में सभासद पद पर भी तीन प्रत्याशियों ने ‘टॉर्च’ सिंबल पर ही जीत हासिल की थी।
पिछले तीन चुनावों में लक्की चार्म बनकर उभरे इस सिंबल को लेकर वर्तमान चुनाव में प्रत्याशियों के बीच होड़ सी लग गई। अध्यक्ष पद के लिए चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने ‘टॉर्च’ चुनाव चिह्न की मांग की। इस पर लॉटरी के माध्यम से यह सिंबल आवंटित किया गया।
नगर के 11 वार्डों में से वार्ड 4 व 5 में तो भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में हैं, जबकि शेष सभी नौ वार्डों में प्रत्याशियों ने ‘टॉर्च’ सिंबल के लिए आवेदन किया था। स्थिति यह रही कि पांच वार्डों में इस सिंबल के एक से अधिक दावेदार होने पर लॉटरी के माध्यम से आवंटन हुआ, जबकि एक वार्ड में गैस सिलिंडर चुनाव चिह्न का आवंटन भी लॉटरी के माध्यम से किया गया। रिटर्निंग ऑफिसर एसडीएम देवेंद्र नेगी ने स्वीकारा कि ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब एक सिंबल विशेष के लिए इतने अधिक प्रत्याशी दावेदारी करेें।